नई दिल्ली : लॉकडाउन के दौरान मजदूरों को पूरा वेतन दिया जाए या नहीं, इसको लेकर कई उद्योगों ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की थी। जिस पर आज फैसला आना था, लेकिन इस मामले को लेकर अब जुलाई के आखिरी हफ्ते में फिर सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट का यह आदेश 29 मार्च से लेकर 17 मई तक यानी 54 दिनों के वेतन के लिए है। इन 54 दिनों के लिए मजदूरों को पूरा वेतन मिले या नहीं। इस पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से 29 मार्च के सर्कुलर पर चार सप्ताह के भीतर हलफनामा दायर करने को कहा है, जिसमें कहा गया है कि लॉकडाउन के दौरान पूर्ण मजदूरी का भुगतान अनिवार्य है।
आज सुप्रीम कोर्ट ने एक महत्वपूर्ण टिप्पणी करते हुए कहा कि ‘उद्योगों और मजदूरों को एक-दूसरे की जरूरत है और वेतन भुगतान के विवाद को सुलझाने के प्रयास किए जाने चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने उद्योगों और मजदूरों के बीच के इस मामले को न सुलझने की स्थिति में श्रम विभाग की भी मदद लेने के लिए कहा है।
उद्योगपतियों का कहना है कि लॉकडाउन में सब कुछ बंद था, इस दौरान हमारा काम भी नहीं चला तो ऐसे में मजदूरों को देने के लिए पैसे कहां से लाएं?