– जिस प्लानिंग को सांसद ने बदलवाया, अफसर भी राजी नहीं, उसे जबरन न थोपे शहर पर, शहर की जनता बीआरटीएस से पहले ही परेशान है.. कांग्रेस
इंदौर। एलआईजी से नवलखा तक एलिवेटेड कारिडोर बनाने का कार्य सालों से लंबित रहा है। कांग्रेस सरकार ने जनता की समस्या को सुनते हुए पूर्व लोकनिर्माण मंत्री सज्जनसिंह वर्मा की अगुवाई में इसकी विस्तृत कार्य योजना बनाई थी। बाद में इनकी ही पार्टी के सांसद शंकर लालवानी ने इसे बदलवा दिया था। अब सात साल पुराने प्लान पर न शहर में किसी से चर्चा की न बातचीत। यह ब्रिज कैसे बनेगा, क्या ट्रैफिक प्लान होगा, मेट्रो और बीआरटीएस को कैसे समाहित किया जाएगा, इस पर भी चर्चा नहीं हुई। मंत्री रहते कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सज्जन सिंह वर्मा ने लोक निर्माण विभाग द्वारा एलआई से नवलखा तक 6.70 किमी लंबा एलिवेटेड कारिडोर बनवाया था। इसको बनाने की लागत लगभग 200 करोड रुपये थी। इसकी चौड़ाई 15.50 मीटर एवं भू-तल से पुल की ऊंचाई 10 मीटर प्रस्तावित थी। यातायात का भारी दबाव झेल रहे बीआरटीएस को शहरवासियो को और अधिक सुगम बनाने के लिए यात्रियों की सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए तीन भुजाएं भी बनाये जाना प्रस्तावित थी। तब विरोध दर्ज कराते हुए वर्तमान की भाजपा सरकार के नगरीय प्रशासन मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने उक्त योजना को औचित्यहीन बतया था। अब वही श्रेय लेने के लिए सबसे आगे खड़े है। ब्रिज को लेकर कोई नई स्टडी सामने नहीं की गई है। न ही यह बताया गया है कि क्या आईबस बंद की जाएगी।
*कांग्रेस के प्रदेश सचिव राजेश चौकसे एवं प्रदेश प्रवक्ता अमित चौरसिया* ने सवाल उठाया कि बीआरटीएस के हेवी ट्रैफिक पर दो साल में ब्रिज कैसे बनेगा ? बीआरटीएस से लोग वैसे ही परेशान है। भोपाल में इसे उखाड़ा जा रहा है। कांग्रेस नहीं चाहती कि ऐसा कदम इंदौर में हो, लेकिन पहले शहर को पूरा प्लान बताया जाए। किस तरह शहर को अगले तीन से चार साल तक ट्रैफिक जाम में झोंका जाएगा। इसी भाजपा सरकार की परिषद ने 8 साल पहले गंगवाल से सरवटे बस स्टैंड तक समानांतर रोड बनाने की बात कहीं थी, उसका क्या हुआ, पहले नगरीय प्रशासन मंत्री यह बताएं ? क्यों सरकार ने नगर निगम के 750 करोड़ से ज्यादा रोक रखे है। उसका जवाब दे। इसे फंडिंग कहां से होगी और जब शहर में भाजपा के शासन में 700 मीटर के ब्रिज दो साल में नहीं बन पा रहे है, तब इतना लंबा ब्रिज कैसे बनेगा? सांसद के प्लान के क्या हुआ? बस लेन का अगले दो साल तक क्या होगा? मिक्स ट्रैफिक में वैसे ही दिक्कत है। एंबुलेंस और आकस्मिक सेवाओं के वाहन तब तक कहां से निकलेंगे? भाजपा सरकार पहले इन सवालों के जवाब दे? सिर्फ लोकलुभावन वादे विजयवर्गीय न करें ? ।