{किश्त 46}
छत्तीसगढ़ में 12 वें मुख्य सचिव के रूप में 1989 बैच के आईएएस अमिताभ जैन कार्यरत हैं। रायपुर में डीऍम रह चुके अमिताभ जैन के अलावा भी कुछ अन्य कलेक्टर रायपुर में पदस्थ रहे हैं जिन्होंने मुख्यमंत्री,राज्यपाल,मुख्यसचिव,रिजर्व ऑफ इंडिया के गवर्नर,मंत्री आदि का दायित्व बाद में सम्हाला था।भारत की आजादी यानि 15 अगस्त 1947 के पहले आईसीएस (तब आईएएस का चलन शुरू नहीं हुआ था)सीडी देशमुख ईएसी (डिप्टी कलेक्टर के समतुल्य) पदस्थ रहे और बाद में रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के पहले भारतीय गवर्नर बने थे।राजनीति में उतरकर पं.जवाहर लाल नेहरू की सरकार में वित्त मंत्री भी बने। इसके बाद आरके पाटिल रायपुर के डीऍम बनकर आये।महात्मा गांधी से प्रभावित होआईसीएस के पद से इस्तीफा देकर स्वतंत्रता संग्राम में उतरे बाद में वे सीपीएण्ड बरार में सीएम पं. रविशंकर शुक्ल की मंत्रिमंडल के सदस्य रहे।मिली जानकारी के अनुसार 1929-30 में वाय.एन. सुखतणकर भी रायपुर के डीऍम बने थे वे 1921 में आईसीएस चयनित हुए थे ,नेताजी सुभाष चंद्र बोस भी इसी बैच में चुने गये थे (हालांकि नेताजी ने नौकरी ज्वाईन करने के पहले ही इस्तीफा दे दिया था) सुखत णकर आजाद भारत में कैबिनेट सेक्रेटरी के पद पर रिटायर हुए थे,उन्हें उडीसा का राज्यपाल बनाया गया था।दूसरी पंच वर्षीययोजना बनाने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका थी।इसी कार्यकाल के आसपास ही सीएम त्रिवेदी भी डीऍम रायपुर रहे वे सीपीएण्ड बरार के मुख्य सचिव बनने में सफल रहे थे।आजादी और विभाजन के बाद जब पूर्वी पंजाब का हिस्सा भारत को मिला तो त्रिवेदी को पहला राज्यपाल बनाकर वहां भेजा गया।बाद में आंध्र के राज्यपाल, योजना आयोग के डिप्टी चेयरमेन आदि भी बनाये गये।1959-60 में देश की आजादी के बाद रायपुर के डी ऍम के पद पर सुशील चंद्र वर्मा भी पदस्थ रहे, कालांतर में वे अविभाजित म.प्र. के मुख्यसचिव भी बने बाद में सेवानिवृत्ति के पश्चात भोपाल लोकसभा का बतौर भाजपा सदस्य प्रतिनिधित्व भी किया। मप्र के समय रायपुर में डीऍम रहे अजीत प्रमोद कुमार जोगी 14 साल तक. कलेक्टरी का रिकार्ड बनाया, राज्यसभा, लोकसभा होकर छग राज्य के पहले सीएम भी बने तो रायपुर के ही डीऍम रहे नजीब जंग बाद में दिल्ली के उपराज्यपाल भी बनने में सफल रहे। उनकी पत्नी अमीना जंग ‘मिस शिमला’ भी रह चुकी थी।मप्र के अंग होने के समय रायपुर के डीऍम रहे सुनील कुमार भी छग राज्य बनने के बाद मुख्य सचिव बनकररिटायर हुए उनके साथ प्लसप्वाइंट यह है कि वे अर्जुनसिंह के साथ भी (पंजाब के राज्य पाल बनने पर भी)काम किया,अजीत जोगी के सचिव रहे तो डॉ. रमनसिंह के साथ मुख्य सचिव का दायित्व सम्हाला था। रिटायर होने के बाद योजना आयोग का उपाध्यक्ष भी बनाया गया था।छत्तीसगढ़ राज्य बनने के बाद रायपुर में डीऍम रहे राजेन्द्र प्रसाद मंडल भी भविष्य में मुख्य सचिव बनाये गये।
पूर्व डीऍम ओपी चौधरी भी विधायक बने..
रायपुर में ही डीऍम रहे ओपी चौधरी ने नौकरी से इस्तीफा देकर भाजपा की सदस्यता लेकर 2018का विस चुनाव लड़ा था पर उन्हें पराजय का सामना करना पड़ा पर हाल ही के विस चुनाव में वे विजयी रहे हैं। उनका राजनीतिक सफऱ लम्बा बाकी है देखना है कि उन्हें क्या मुकाम हासिल होता है।