रायपुर। छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच प्रतिनिधि मंडल ने विष्णुदेव साय से मुलाकात राजभाषा छत्तीसगढ़ी में शपथ लेने ज्ञापन सौंपा। साथ ही मंत्रिमंडल के सदस्य सहित सभी 90 विधायकों का शपथ छत्तीसगढ़ी में कराने का आग्रह किया।
मंच के संरक्षक नंदकिशोर शुक्ल ने कहा कि छत्तीसगढ़ी राज्य की आधिकारिक राजभाषा है। छत्तीसगढ़ी में शपथ लेने को लेकर कहीं कोई कानूनी बाधा नहीं है। आठवीं अनुसूची में शामिल भाषा में ही शपथ लेने की कहीं कोई बाध्यता नहीं. मातृभाषा कोई भी शपथ ले सकता है। जैसा कि 2018 में भूपेश बघेल के चाहने के बाद उन्हें गुमराह कर दिया गया था, वें अपनी मातृभाषा में शपथ नहीं ले पाए थे। जबकि 2018 में ही मिजोरम में जोरामथंगा ने अपनी मातृभाषा मिजो में मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी।
इसलिए हमने मुख्यमंत्री साय से मुलाकात कर राजभाषा छत्तीसगढ़ी में शपथ लेने की मांग की है. जिस पर उन्होंने पूर्व भरोसा दिलाया है. वहीं मंत्रिमंडल के कई सदस्यों और विधायकों ने भी छत्तीसगढ़ी में शपथ लेने की बात कही है.। इससे पहले श्री शुक्ल ने भाजपा संगठन से जुड़े जामवाल, पवन साय और भाजपा प्रदेशाध्यक्ष अरुण साव से भी मुलाकात कर राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हूबहू लागू करने की मांग और छत्तीसगढ़ी में राजकाज शुरू कराने की मांग की है। इस दौरान विधायक सुशांत शुक्ला, विजय शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार रामअवतार तिवारी मौजूद थे।