रायपुर। कांग्रेस की राष्ट्रीय प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने भाजपा ने पर जमकर हमला बोला है। उन्होंने केंद्र व भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि ये धर्म के नाम पर लोगों को ठगते हैं और हम धर्म को चरितार्थ करते हैं। हिंदुत्व किसी की बपौती नहीं हैं। हमने राम वनगमन पथ बनाया, कौशल्या माता मंदिर को निर्माण किया। ईडी-आइटी और सीबीआइ भाजपा और मोदी सरकार के घटक दल हैं। ईडी ने चौगुना कार्रवाई की और 95 प्रतिशत विपक्ष के नेताओं पर कार्रवाई हो रही है। कांग्रेस प्रवक्ता श्रीनेत ने कहा, मैं एक भविष्यवाणी करती हूं कि मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, तेलंगाना में कांग्रेस सरकार बनने जा रही है। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं सोशल मीडिया चेयरमैन सुप्रिया श्रीनेत ने पत्रकारों से चर्चा करते हुये कहा कि आज जब छत्तीसगढ़ का चुनाव मुहाने पर है तो कांग्रेस सरकार अपने काम के दम पर, अपने रिपोर्ट कार्ड पर जनता से वोट माँग रही है और हमारी प्रतिद्वंदी भारतीय जनता पार्टी एक बार फिर से जुमलों की बारिश कर रही है। और फेंकने में मोदी जी और उनके परम चेले अमित शाह जी का तो कोई जवाब ही नहीं है। पर इस चुनाव की सारी लड़ाई अंततोगत्वा – रेवड़ी और रबड़ी पर आ कर टिक गई है। हमने ग़रीबों शोषितों वंचितों आदिवासियों के लिए पूरी ईमानदारी से काम किया तो उसको मोदी जी रेवड़ी बताते हैं। उन्होंने अडानी के लिए दिन रात मेहनत की लेकिन उस रबड़ी पर चर्चा नहीं करते। उन्होंने किसानों को लेकर भी अपनी बात की, इस दौरान उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने सिर्फ़ और सिर्फ़ रोड़ा लगाने का काम किया। यहाँ तक कि हमारी सरकार की ज़्यादा दाम पर धान ख़रीदने की पहल को भी रोकने में कोई कसर नहीं छोड़ी गई। लेकिन हम भी कम नहीं है, तू डाल डाल तो मैं पात पात। मोदी सरकार ने ऑर्डर निकाल कर कहा कि अगर कोई सरकार एमएसपी से ज़्यादा पर धान ख़रीदेगी तो केंद्र सरकार के पूल में वो नहीं ख़रीदा जायेगा, इसीलिए हमने राजीव गांधी किसान न्याय योजना के माध्यम से सीधे किसानों के खाते में अतिरिक्त पैसा डाला।
लेकिन इस सरकार की कुत्सित हरकतों का अंदाज़ा आप इससे लगाइए कि केंद्र सरकार ने 86 मीट्रिक टन चावल ख़रीदने का वादा किया जिसको बाद में 61 मीट्रिक टन कर दिया गया-और यही वो लोग हैं जिन्होंने कर्नाटका की हमारी सरकार को 35 मीट्रिक टन चावल देने से मना कर दिया।
रेवड़ी रेवड़ी चीखने वाले अडानी के लिये लगातार रबड़ी परोसी है। बस्तर में एनएमडीसी के नगरनार स्टील प्लांट को अडानी को सौंपने की पूरी तैयारी के बावजूद अब कहा जा रहा है ऐसा नहीं होगा। तो फिर वित्त मंत्रालय की विनिवेश वेबसाइट पर अभी तक इसका नाम क्यों है। याद रखियेगा यह वही चुनावी जुमला है जिनकी बौछार करके प्रधानमंत्री ख़ुद उनके बारे में अगले पल ही भूल जाते हैं!