न्यूयॉर्क : न्यूयॉर्क टाइम्स के संपादकीय पृष्ठ के संपादक जेम्स बेनेट ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। वे अमेरिकी नस्लीय असमानता पर जारी विरोध को शांत करने के लिए सेना का उपयोग करने की वकालत करने वाले एक स्तंभ को प्रकाशित करने के लिए जिम्मेदार थे। अखबार ने उनके इस्तीफे की घोषणा की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स उस समय लोगों के गुस्से का शिकार हुआ था जब उसने तीन जून को अमेरिकी सांसद टॉम कॉटन के हवाले से ‘सेंड इन द ट्रूप्स’ (सेना को भेजो) नाम से स्तंभ प्रकाशित किया था। कॉटन अरकंसास से रिपब्लिकन सांसद हैं। सांसद ने कहा था सेना को प्रदर्शनकारियों के खिलाफ उतरने से इन प्रदर्शनों को रोकने में मदद मिलेगी और शांति बहाल होगी। गौरतलब है कि कुछ प्रदर्शन हिंसक हो गए थे।
कॉटन ने लिखा, ‘यह संघीय प्राधिकरण के साथ स्थानीय कानून प्रवर्तन का समर्थन करने का अतीत है।’ स्तंभ के कारण न्यूयॉर्क टाइम्स के न्यूजरूम के अंदर और बाहर लोगों ने इसकी काफी आलोचना की। कुछ पाठकों और पत्रकारों ने स्तंभ की व्याख्या उन कार्यों की वकालत के रूप में की जो प्रदर्शनकारियों और पत्रकारों को खतरे में डाल देंगे। शुरुआत में न्यूयॉर्क टाइम्स के प्रकाशक एजी सल्जबर्जर इस स्तंभ के साथ खड़े रहे।
सल्जबर्जर ने पहले कहा था, ‘मैं खुले विचारों के सिद्धांत को मानता हूं, यहां तक कि जिनसे हम असहमत भी हो सकते हैं और यह अंश उसी भावना के मद्देनजर प्रकाशित हुआ है।’ हालांकि रविवार को उन्होंने अपने कर्मचारियों को नोट भेजा। जिसमें लिखा था, ‘पिछले सप्ताह हमने अपनी संपादन प्रक्रियाओं में एक महत्वपूर्ण गिरावट देखी। यह हाल के वर्षों में हमारा पहला अनुभव नहीं था।’
वहीं बेनेट की जगह केटी किंग्सबरी संपादकीय पृष्ठ की संपादक होंगी। बेनेट 2016 से संपादकीय पृष्ठ के संपादक थे। न्यूयॉर्क टाइम्स में आने से पहले बेनेट समाचार पत्रिका द अटलांटिक के प्रधान संपादक थे।
बता दें कि अमेरिका में 46 वर्षीय अफ्रीकी-अमेरिकी जॉर्ज फ्लॉयड की पुलिस हिरासत में मौत के बाद से विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। उनकी मौत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है जिसमें दिख रहा है कि एक पुलिसवाले ने फ्लॉयड की गर्दन को लगभग नौ मिनट तक अपने पैर से दबाया था। इसके बाद दम घुटने से जॉन की मौत हो गई थी।