शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )
छत्तीसगढ़ में एक तरफ कोरबा, भिलाई जैसे अत्याधुनिक शहर हैँ,तो अबूझमाढ़ जैसा अबूझा क्षेत्र भी है,बस्तर के कई गांव ऐसे हैँ जहां पेयजल, यातायात के लिये सड़क के साथ ही बिजली भी मुहैया नहीं है। बस्तर की हालत तो यह है कि सलवा जुडूम के बाद 600 से अधिक गांव उजड़ गये हैँ ।जंगली जीवों की सुरक्षा के नाम पर जमीन को जंगल में ले लिया गया है खेत छीने गये, घरबार छीन गये, उद्योगपतियों को जमीन दे दी गई,जंगल, स्कूलों में सुरक्षाबल का कब्जा हो गया,ठेकेदार और उनके मजदूर अब वहां के मालिक हो गये,प्राकृतिक जल स्त्रोतों पर भी उद्योगपतियों का कब्जा होता जा रहा है। बेरोजगारी,अपराध, भ्रष्टाचार,भाई-भतीजावाद का बोलबाला हो गया और हमारे जनप्रतिनिधियों की सक्रियता…!अब तो सवाल उठ रहे हैं। एक मान्य सिधांत के अनुसार 100 से कम विधायक संख्यावाली विधानसभा की कार्यवाही औसतन प्रतिवर्ष 60 दिन चलनी चाहिये इस हिसाब से छत्तीसगढ़ में 300 बैठकें होनी थी पर हो क्या रहा है.. ? छत्तीसगढ़ की पहली विधानसभा में औसतन प्रतिवर्ष 40 दिन ही विस की कार्यवाही चली। दूसरी विधानसभा में 5 सालों में 182 बैठकें हुई यानि प्रतिवर्ष 36 बैठकें हुई और तीसरी विधानसभा में कुल 160 बैठकें हुई। यानि प्रतिवर्ष औसतन 32 दिन ही सदन की कार्यवाही चली क्यों…।मौजूदा छ्ग की चौथी विधानसभा का गठन दिसम्बर 18 में हुआ था।पिछले लगभग 5 सालों में 17विधानसभा सत्र हुये और 116 बैठकेँ ही हुईँ… यानि प्रति वर्ष औसत 23 बैठकें ही हुई।सवाल है कि सत्ता पक्ष की 71 विधानसभा सदस्यों के मुकाबले प्रमुख विपक्षी दल भाजपा की संख्या 14 तक सिमटी रही….कम बैठकेँ क्यों……इसका जवाब तो सत्ताधारी दल के पास ही मिल सकता है। वैसे विपक्ष के नेता भी इसके लिये कहीं न कहीं जिम्मेदार ठहराये जा सकते है। मंत्रियों,विधायकों के वेतन, भत्ता और पेंशन पर तो सत्तापक्ष तथा विपक्ष एकजुट होकर एक मतेन फैसला ले लेते हैँ,पर कई जनहित के मुद्दों में विरोधाभाष नजर आता है। विधायक तो स्वयं को मुख्यसचिव से उपर मानते हैँ पर अपनी जिम्मेदारी का निर्वहन कैसे करते हैँ यह किसी से छिपा नहीं है…!
भाजपा प्रत्याशी और 3
का गणित…….?
छ्ग में आगामी विधानसभा चुनाव के लिये समय पूर्व पहली सूची में 21भाजपा उम्मीदवार घोषित किये गये हैँ।21 प्रत्याशी का अंक ज्योतिष में योग यानि 2+1=3, मप्र में 39 प्रत्याशी 3+9…12यानि 1+2=3….इधर भाजपा नाम के 3अक्षरों का योग भी 3….क्या यह ज्योतिष गणित है या संयोग है..छ्ग में आगामी विस चुनाव में सीएम भूपेश बघेल के मुकाबले सांसद विजय बघेल भाजपा से प्रत्याशी बनाये गये हैं तो राज्यसभा सदस्य रहे रामविचार नेताम भी विस चुनाव लड़ेंगे।वैसे प्रत्याशी की घोषणा के बाद भाजपा के दिग्गज नेता पूर्व मंत्री,पूर्व सांसद चंद्रशेखर साहू,पूर्व गृह मंत्री रामसेवक पैकरा,कलेक्टरी छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले ओपी चौधरी,पूर्व विधायक संतोष उपाध्याय,सुभाऊ कश्यप, पिंकी शाह,कोमल जंघेल को उम्मीदवार नहीं बनाना चर्चा में जरूर है।भाजपा की केन्द्रीय चुनाव समिति की बैठक भाजपा अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा की अध्यक्षता सम्पन्न में पीएम नरेन्द्र मोदी,रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह,गृह मंत्री अमित शाह एवं केन्द्रीय चुनाव समिति के अन्य सदस्यों सहित डॉ रमन सिंह,भाजपा प्रदेश अध्यक्ष अरुण साव और नेता प्रतिपक्ष नारायण चंदेल भी उपस्थित थे। घोषित प्रत्याशी….(प्रेमनगर )भूलन सिंह मरावी(भटगांव) श्रीमती लक्ष्मी राजवाड़े(प्रतापपुर) (अजजा) श्रीमती शकुंतला सिंह पोर्थे,(रामानुजगंज) (अजजा) रामविचार नेताम,(लुन्ड्रा)(अजजा) प्रबोज मिंज (खरसिया)महेश साहू, धर्मजयगढ़(अजजा) हरिश्चन्द्र राठिया (कोरबा )लखनलाल देवांगन,(मरवाही) प्रणव कुमार मरपच्ची,सरायपाली (अजा) श्रीमती सरला कोसरिया,(खल्लारी ) श्रीमती अलका चंद्राकर,(अभनपुर)इन्द्रकुमार साहू, (राजिम )रोहित साहू, (सिहावा)(अजजा)श्रवण मरकाम,(डौंडीलोहारा) (अजजा) देवलाल हलवा ठाकुर,(पाटन)विजय बघेल,(खैरागढ़)विक्रांत सिंह,(खुज्जी)श्रीमती गीता घासी साहू,(मोहला मानपुर)(अजजा)संजीव साहा(कांकेर )(अजजा) आशाराम नेताम,(बस्तर) (अजजा)मनीराम कश्यप शामिल हैँ।
बस्तर की एक अधूरी
प्रेम कहानी…..?
बस्तर के परिदृश्य में ही प्रदर्शित फिल्म ‘हमारी अधूरी कहानी’ को लेकर बस्तर की एक पुरानी प्राचीन प्रेम कहानी जीवंत हो रही है।कोण्डागांव की वादियों में एक सच्ची प्रेम कहानी ‘झिटकू-मिटकी’ की एक अधूरी प्रेम कहानी की चर्चा है। हालांकि इनकी मोहब्बत का दुखद अंत हुआ था पर शिल्प नगरी कोण्डागांव में इनके नाम से शिल्प कला केन्द्र भी स्थापित किया गया है। बस्तर के अधिकतर हस्त शिल्प में झिटकू-मिटकी की कृतियां आज भी उनके सच्चे प्रेम का संदेश देती है। झिटकू-मिटकी की मूर्तियां,अमेरिका, जापान,स्काटलैंड, हांगकांग,सिंगापुर सहित थाईलैंड के संग्रहालयों और दूतावासों समेत भारत के कई राज्यों में बस्तर की पहचान बनाये हुए हैं।किवदंती है कि केशकाल के पेण्ड्रावंड गांव में एक गोंड परिवार सात भाइयों की एक लाडली बहन थी मिटकी। बहन विवाह के बाद उनसे दूर न हो इसके लिए झिटकू का नाम तय किया और उसी के घर आदिवासी परंपरा के चलते अपनी बहन मिटकी को लमसेना के रूप में रख दिया। इसी बीच दोनों के बीच एक साथ रहने के कारण प्यार बढ़ गया। दुर्भाग्य से तभी अकाल पड़ा। कहा जाता है कि किसी भाई को सपने में कुलदेवी के अकाल से निपटने किसी नेक इंसान की बली का रास्ता सुझाया। सभी भाइयों ने झिटकू की बली तलाब में दे दी और बाद में मिटकी ने भी गमजदा होकर उसी तालाब में डूबकर आत्महत्या कर ली और प्रेम कहानी का दुखद अंत हो गया।खैर बड़े पर्दे की विद्याबालन की फिल्म “अधूरी कहानी” में सीजी 17 नंबर की बस दिखाई गई है बस्तर का माईल स्टोन भी दिखाया गया है। यह बात और है कि बस्तर में लिली के फूल के बगीचे में फिल्म के हीरो इमरान हाशमी की अस्थियां फिल्म के अंत में बिखेरते दिखाया गया है जबकि लिली के बगीचे से बस्तर का दूर दूर तक कोई संबंध नहीं है। खैर बस्तर का माईल स्टोन दिखाया गया और फिल्म छत्तीसगढ़ में ‘करमुक्त’भी कर दी गई थी।
छत्तीसगढ़ महतारी क़ी प्रतिमा स्थापना …
सराहनीय पहल..
मूल छत्तीसगड़िया,चंदखुरी मां कौशल्या के मंदिर के करीब एक गांव में जन्म लेने वाले जांजगीर के पुलिस कप्तान विजय कुमार अग्रवाल ने अपने कार्यालय के सामने रिक्त स्थान को एक बगीचे का रूप दिया,वृक्षारोपण भी अपने स्टाफ से करायाऔर मध्य में छत्तीसगढ़ी महतारी की आकर्षक प्रतिमा स्थापित भी करवाकर एक प्रेरणाभी दी है,राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और सीएम भूपेश बघेल ने इसे लोकर्पित भी किया है।कितना अच्छा हो कि प्रदेश के सभी कलेक्टर/एसपी ऑफिस में यह पहल शुरू हो। यहां बताना जरुरी है छ्ग महतारी क़ी कल्पना कर उसकी पूजापाठ क़ी शुरुआत विजय के पिता दाऊ आनंद अग्रवाल ने रायपुर कलेक्टर ऑफिस के सामने छत्तीसगढ़ निर्माण के लिये शुरूअखंड आंदोलन स्थल पर क़ी थी।वैसे छ्ग के सीएम क़ी पहल पर ही पूरे प्रदेश में छत्तीसगढ़िया महतारी क़ी प्रतिमा को एक स्वरुप मिला है।
और अब बस….
0अगले विस चुनाव में कांग्रेस-भाजपा कितने पूर्व आईएएस को उम्मीदवार बनाएगी…!
एक बड़े नेता के भांजे को टिकट मिल गई तो क्या अब खुद की, बेटे की टिकट खतरे में पड़ गई है!
0किस संभागीय आयुक्त के आदेश को उनके बैचमेट कलेक्टर ने बदल दिया है…?
0क्या शराब आयुक्त के लिये चर्चित आईएएस जनक पाठक ही सबसे योग्य थे….?