बेबसी का इक समंदर दूर तक फैला हुआ….. और कश्ती कागजी पतवार के साये में है…..

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )      

आरएसएस और भाजपा का एक धड़ा शुरू से समान नागरिक संहिता की वकालत करता रहा है। यह मुद्दा भाजपा के एजेंडे में शामिल है।प्रथम दृष्टया यह कानून बड़ा लुभावना भी लगता है। इसके पीछे का तर्क यह है कि देश के सभी नागरिकों पर सामान कानून लागू होना चाहिये,सतही तौर पर उचित भी लगता है लेकिन इस बात का विरोध क्यों किया जा रहा है…? आपका सीधा जवाब होगा कि इससे चूंकि अल्पसंख्यक वर्ग प्रभावित होगा इसलिये…! लेकिन इस कानून से सिर्फ अल्पसंख्यक ही नहीं बल्कि एक बड़ा समुदाय भी प्रभावित होने वाला है,समान नागरिक संहिता की बात करनेवालों की नजर सिर्फ अल्पसंख्यकों के अधिकारों को हड़पने भर का नहीं बल्कि संसाधनों से भरी जमीन पर भी अपनाअधिकार हासिल करना है। हमारा संविधान लोगों को अपनी धारणा,आस्था और परंपरा के साथ रहने और जीने की आजादी देता है। यदिआप किसी धर्म को मानते हैं तो उसके अनुसार आचरण करें,उसकी परंपराओं का निर्वहन करें। लेकिन जब भी समान नागरिक संहिता की बात होती है तो कहा जाता है कि इससे सिर्फ मुसलमान प्रभावित होगा। वह चार शादियां नहीं कर सकता,वह आसानी से तलाक नहीं ले सकता वगैरह-वगैरह…। कुल मिलाकर यह कानून सिर्फ मुसलमानों के लिए ही मुसीबत साबित होगा..लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं है। समान नागरिक संहिता जब लागू होगी तो देश का मूल निवासी यानी आदिवासी भी इसके जद में आएगा। देश के कई जनजातीय समुदायों में भी अलग -अलग परंपराएं और मान्यताएं हैं,उन्हें भी इस संविधान के तहत उनकी मान्यताओं के अनुरूप रहने,व्यवहार करने,विवाह करने की स्वतंत्रता है…? उनके लिए भी उनके अधिकारों को सुरक्षित रखने अलग से कानून हैं ? इसमें सबसे महत्वपूर्ण है धारा170 ख,जिसके तहत आदिवासी विकास खंडों में उनकी जमीन कोई गैर आदिवासी नहीं खरीद सकता,सामान्य विकास खंडों में उनकी जमीन सामान्य आदमी बिना कलेक्टर की अनुमति के नहीं खरीद सकता। इस नियम पर कई बार उद्योगपतियों ने उंगली उठाई है क्योंकि इसके कारण आदिवासी इलाकों में संसाधनों का दोहन या उद्योगों की स्थापना में कई रोड़े आते हैं।ओडिशा के नियमगिरि में वेदांता कंपनी की आयरन ओर माइंस इसी कारण रद्द कर दी गई थी।जब यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होगा तब 170 ख जैसे नियमों को हटाया जा सकेगा… उद्योगपतियों को मुक्त हस्त से आदिवासियोंऔर उनके क्षेत्र के संसाधनों को लूटने का अवसर मिलेगा। जब सबके लिए एक कानून होगा तब आरक्षण की व्यवस्था भी बेमानी हो जायेगी क्योंकि सबके लिए एक कानून में यह व्यवस्था भी फिट नहीं बैठती है।इस तरह की मांग भाजपा के अंदरखाने से उठने लगी है।इसके अलावा यदि सबके लिए एक कानून होगा तो अनुसूचित जाति/जनजाति अधिनियम,जिससे इस तबके की सुरक्षा का बड़ा बेहतर कानून माना जाता है उसकी उपयोगिता और प्रासंगिकता क्या होगी…! संभवतः तुरंत इन सभी कानूनों पर कोई निर्णय न हो पाए लेकिन कालांतर में ये सभी कानूनअसंवैधानिक हो जाएंगे और कोर्ट के जरिये या अमेंडमेंट के जरिये ही इन्हें खत्म किया जाता रहेगा। क्या इस कानून के पारित होने के बाद सिक्ख कृपाण लेकर कहीं जा पाएंगे ?अलग अलग धर्मों में अपनी अलग परंपराएं, मान्यताएं, धारणाएं हैं। मुस्लिम और ईसाई धर्म में विवाह एक समझौता हैऔर हिंदू धर्म के लिए यह जन्म जन्मांतर का रिश्ता…। इस यूनिफॉर्म सिविल कोड में विवाह को क्या माना जाएगा ?जन्म जन्मांतर का रिश्ता या एक समझौता ? और कोई यह कैसे तय करेगा कि हम अपने विवाह संस्कार को समझौता समझें या जन्म जन्मांतर का रिश्ता। यह तो हमें तय करना है। हिंदू विवाह अधिनियम में तलाक की प्रक्रिया काफ़ी कठिन है,मुस्लिमों में आसान,ऐसे में यूनिफॉर्म सिविल कोड इस प्रक्रिया को आसान करेगा या सरल ? कई आदिवासी समुदायों को भी एक से अधिक विवाह करने की छूट है,उनके साथ क्या सलूक किया जाएगा ? ऐसे कई ज्वलंत सवाल हैं।अव्वल यही माना जा रहा है कि सरकार यूनिफॉर्म सिविल कोड आदिवासियों के हितों,उनकी परपराओं, उनकी जमीनों के अधिकार को सबसे पहले संकुचित करेगी और धीरे – धीरे उन्हें इससे वंचित होना पड़ेगा। क्योंकि मुस्लिमों की परंपराओं,ईसाइयों की आस्था से किसी को नुकसान नहीं है लेकिन आदिवासियों के अधिकारों से उद्योगपति सबसे ज्यादा परेशान हैं और उन्हीं के परंपराएं, मान्यताएं और उनके अधिकारों को कम करने या खत्म करने सरकार या यूं कहें उद्योगपतियों के पक्षकार इस कानून के साथ हैं और उससे ही उन्हें फायदा होने वाला है।

भूपेश ने ले ली है विस
चुनाव को लेकर टोह….    

छ्ग के सीएम भूपेश बघेल ने सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों का दौरा पूरा कर लिया है। सभी विधानसभा क्षेत्रों में वे जहां आम लोगों से संवाद करते रहे,अपनी सरकार की योजनाओं के बारे में पूछताछ भी किया वहीं लोगों की समस्याओँ का मौक़े में ही निराकरण का प्रयास किया,कई विकास कार्यों की घोषणा की साथ ही वर्तमान विशेषकर कांग्रेस के विधायकों की टोह भी लेते रहे,उनके कार्यकलापों की जानकारी ली साथ ही आगामी विस चुनाव में उनके जीतने की सम्भावनाओं पर भी एक नजर डालने का प्रयास किया,उनके सामने अगले विस चुनाव को लेकर प्रत्याशी को लेकर नजरिया भी एक तरह से साफ हो गया है यही नहीं कॉंग्रेस के घोषणापत्र के बारे में भी ब्लुप्रिंट तैयार भी हो गया है। अब वे युवाओं से सीधे मुख़ातिब होने की तैयारी में हैं।

भाजपा का सर्वे,
अधिकतम 34 सीटें…..?     

भाजपा के चाणक्य कहे जाने वाले अमित शाह के सर्वे के मुताबिक आज की स्थिति में छ्ग में आगामी विधानसभा चुनाव में 34 सीटों पर भाजपा की जीत तय है तो 14 सीटों पर भाजपा जीत के करीब है?ऐसे हालात में भाजपा अपने सांसद विजय बघेल, अरुण साव,सुनील सोनी, रेणुका सिंह,गुहाराम अजगले आदि को विधानसभा प्रत्याशी बना सकती है वहीं विधायक डॉ रमनसिंह, बृजमोहन अग्रवाल, धरम लाल कौशिक को लोकसभा प्रत्याशी बना दे तो आश्चर्य नहीं है?इधर सत्ताधारी दल कांग्रेस 75+अपना लक्ष्य तय करके चल रही है,अभी 72 विधायक कांग्रेस के हैं।भाजपा के उच्च पदस्थ सूत्रों की मानें तो शाह के सर्वे में बस्तर संभाग से 4 विधानसभा पर जीत की उम्मीद है। सरगुजा संभाग के सिंहदेव फैक्टर के बावजूद उम्मीद की जा रही है कि यहां से 6 सीट पर पार्टी के उम्मीदवार की जीत हो सकती है। भूपेश सरकार में मंत्री टीएस सिंहदेव को कुछ दिन पहले ही डिप्टी सीएम बनाया गया है।भाजपा की मानें तो कांग्रेस के इस उपाय का असर सरगुजा में नहीं दिखेगा। दुर्ग संभाग की 8,रायपुर संभाग की 7 और बिलासपुर संभाग की 9 सीट पर पार्टी उम्मीदवार की जीत की उम्मीद की जा रही है!वर्तमान में सरगुजा और बस्तर संभाग की एक भी सीट पर भाजपा के विधायक नहीं हैं। इधर आठ विधायकों का टिकट कटना तय माना जा रहा है।इधर 5 सांसदों को विस चुनाव मैदान में उतारने पर विचार किया गया है।वैसे सवाल यह है कि कॉंग्रेस कितने विधायकों की टिकट काट रही है क्योंकि कांग्रेस आलाकमान को खबर मिली है कि कुछ विधायक पिछली बार कांग्रेस की लहरऔऱ 15 सालों की भाजपा सरकार से नाराजगी के चलते जीत गये थे….?

दीपक कांग्रेस अध्यक्ष,मरकाम
बने सरकार के मंत्री    

प्रदेश के विधानसभा चुनाव से लगभग 100 दिन पहले कांग्रेस ने बड़ा बदलाव करते हुए मोहन मरकाम की जगह बस्तर सांसद दीपक बैज को नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया है। पिछले तीन महीने से बैज को प्रदेश अध्यक्ष बनाने की कवायद चल रही थी। बैज अब तक के सबसे युवा प्रदेश अध्यक्ष बने हैं।चित्रकोट विधानसभा क्षेत्र से दो बार विधायक और बस्तर लोकसभा क्षेत्र के सांसद बैज गिनती कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी के करीबी नेताओं में होती है। प्रदेश अध्यक्ष के लिए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की भी पहली पसंद बैज ही थे।दीपक बैज वर्ष 2008 में एनएसयूआई के जिलाध्यक्ष के रूप में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की। 15 साल में वह प्रदेश अध्यक्ष की कुर्सी तक पहुंच गए। 14 जुलाई 1981 को बस्तर के गढिया में जन्में बैज 2009 में युवक कांग्रेस के बस्तर जिला महासचिव बने।वर्ष 2013 में कांग्रेस पार्टी ने पहली बार उन्हें विधानसभा का टिकट दिया और जीत मिली। 2018 का चुनाव जीतकर वह एक बार फिर विधानसभा पहुंचे। प्रदेश में सरकार बनने के बाद 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में बैज को बस्तर लोकसभा का टिकट मिला और उन्होंने बस्तर लोकसभा सीट पर कांग्रेस के 25 वर्ष के वनवास को दूर करते हुए जीत दर्ज की।इधर मोहन मरकाम को भूपेश मंत्रिमंडल का हिस्सा बनाया गया है वहीं मंत्रिमंडल से प्रेमसिंह टेकाम को हटा दिया गया है।उन्हें योजना आयोग का अध्यक्ष बनाया गया है, उन्हें कबीना मंत्री का दर्जा प्राप्त है।

कुछ मंत्रियों के विभाग
भी बदले गये….                

मोहन मरकाम को नया मंत्री बनाने के साथ ही कुछ मंत्रियों के विभाग भी बदले गये हैं। उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को स्वास्थ के साथ ऊर्जा,ताम्रध्वज साहू को गृह, जेल के साथ ही कृषि, पशु, मछली पालन, रविन्द्र चौबे से कृषि लेकर शालेय शिक्षा, सहकारिता और नये मंत्री मोहन मरकाम को अजा/ज जा के साथ अल्पसंख्यक विभाग की जिम्मेदारी दी गईं है।रविंद्र चौबे तबियत ख़राब होने के कारण स्वयं कृषि विभाग छोड़ना चाहते थे।

आपरेशन मुस्कान’ में
जांजगीर जिला प्रथम…

छ्ग में गुमशुदा बच्चों की पतासाजी के लिये ‘आपरेशन मुस्कान’ के तहत 1 जून से 30जून तक पुलिस विभाग द्वारा चलाये गये अभियान के तहत 559 गुमशुदा बच्चों को बरामद करने में सफलता मिली है।जिसमे जांजगीर चांपा (एसपी विजय अग्रवाल) से सर्वाधिक 76 बच्चों को बरामद करके छ्ग में पहले स्थान पर रहा वहीं रायपुर (एसपी प्रशांत अग्रवाल) बिलासपुर (एसपी संतोष सिंह) और सक्ति जिले (एसपी अहिरे) से क्रमशः 56,52 तथा 52 बच्चे बरामद किये गये हैँ।अभियान में उप्र,मप्र,कश्मीर
तेलंगाना,महाराष्ट्,पंजाब, दिल्ली,राजस्थान,हरियाणा ओर कर्नाटक राज्यों से बच्चे बरामद किये गये?अपनी कार्यप्रणाली के चलते जांजगीर एसपी विजय अग्रवाल को आपरेशन मुस्कान में अच्छी सफलता के लिये डीजीपी अशोक जुनेजा ने प्रशंसा पत्र भी दिया है ऐसा पता चला है।

ओर अब बस….

0ईडी ने छ्ग के कुछ आईपीएस अफसरों की जमीन,फ्लेट, ट्रांसपोर्ट की जानकारी एकत्रित कर रही है….
0 दुर्ग से महादेव एप्स से सट्टा संचालित करने वाले 2 प्रमुख लोगों के खिलाफ आउट लुक नोटिस जारी किया गया है…?
0एडीशनल एसपी की तबादला सूची में 2 चर्चित अफसरों का नाम नहीं होना चर्चा में है..?

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *