रमन सिंह के विरुद्ध आय से अधिक संपत्ति के मामले में उच्च न्यायालय का बड़ा फैसला

आरोप को निराधार और राजनीति से प्रेरित बताकर ख़ारिज की याचिका 

बिलासपुर।  आज उच्च न्यायालय ने छत्तीसगढ़ की राजनीति से जुड़े एक बड़े मामले में महत्वपूर्ण फैसला किया है। पिछले लंबे समय से छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह की आय से अधिक संपत्ति होने की बात राजनीतिक गलियारों में जोर शोर से उठती रही है। इस मामले में उच्च न्यायालय में कांग्रेस द्वारा याचिका भी दायर की गई, जिस पर आज एक बड़ा फैसला आया है और उच्च न्यायालय की डबल बेंच ने इस मामले को “तथ्यहीन, निराधार और राजनीति से प्रेरित” बताकर ख़ारिज कर दिया है।
उच्च न्यायालय ने कहा:-
ऽ जो दस्तावेज प्रस्तुत किए गए है उनके आधार पर कोई आरोप नहीं बनता।
ऽ याचिका राजनीति से प्रेरित है।
ऽ न्यायालीन प्रक्रियाओं का दुरूपयोग किया गया।
ऽ आधारहीन दस्तावेज और सिर्फ आंकलन के आधार पर याचिका दायर की गई।
ऽ सभी प्रस्तुत चुनावी शपथ पत्र को भारतीय निर्वाचन आयोग एवं इनकम टैक्स विभाग द्वारा परीक्षण किया गया लेकिन कोई गड़बड़ी नहीं पाई गई।
ऽ प्रथम दृष्ट्रया इस प्रकरण की किसी भी अधिकारिक संस्था से जांच की जरूरत नहीं।
ऽ उच्च न्यायालय के इस फैसले से दूध का दूध और पानी का पानी हो गया, और मैं दावे के साथ कहता हूँ कि कांग्रेस द्वारा मेरे ऊपर लगाये अन्य आरोप भी राजनीति से प्रेरित और तथ्यहीन है, जिनका अन्तिम परिणाम भी इस तरह आयेगा।

गौरतलब है कि 2018 के चुनाव परिणाम के बाद से कांग्रेस लगातार इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर हमले करते रही है, आज जब उच्च न्यायालय से डॉ रमन सिंह के पक्ष में यह बड़ा फैसला आया है तब भारतीय जनता पार्टी की भ्रष्टाचार विरोधी नीति और डॉ रमन सिंह की बेदाग छवि को बल मिला है। इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं में उत्साह और विश्वास दिखा, जिसमें उन्होंने कहा है कि हम सभी को डॉ रमन सिंह जी की छवि और उनकी ईमानदारी पर हमेशा से विश्वास रहा है, आज उच्च न्यायालय के फैसला से उनका विश्वास और प्रगाढ़ हो गया है।

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