विधायन” शोध एवं संदर्भ के लिए भी लाभदायक हो- विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत.

 विधान सभा में छत्तीसगढ़ विधान सभा की शोध पत्रिका “विधायन” संपादक मण्डल की प्रथम बैठक संपन्न.                                                                                                                        रायपुर।  छत्तीसगढ़ विधान सभा परिसर स्थित विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के कक्ष में आज नव गठित छत्तीसगढ़ विधान सभा की शोध पत्रिका “विधायन’” के लिए गठित संपादक मण्डल की प्रथम बैठक मान. विधान सभा अध्यक्ष डॉ.  चरणदास महंत की अध्यक्षता में संपन्न हुई । समिति की प्रथम बैठक में शोध पत्रिका “विधायन” के संपादक मण्डल के कार्यकारी संपादक सतीश जायसवाल, संपादक मण्डल के सदस्यगण मोहम्मद हसन खान,. शंकर पाण्डेय , सुश्री शोभा यादव,   प्रेम पाठक, श्रीमती प्रियंका कौशल एवं विधान सभा के प्रमुख सचिव चन्द्र शेखर गंगराड़े उपस्थित थे ।

इस अवसर अपने उद्बोधन में मान. विधान सभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत ने कहा कि-“विधायन” छत्तीसगढ़ विधान सभा की त्रैमासिक प्रकाशित होने वाली शोध पत्रिका है। इसमें प्रकाशित होने वाले लेख न केवल स्तरीय हो वरन् संदर्भ एवं शोध करने वाले छात्रों के लिए लाभदायक भी हो यह सुनिश्चित किया जाना आवश्यक है । उन्होने बताया कि “विधायन” का आगामी अंक “पर्यावरण” पर केन्द्रित होगा । वर्तमान समय में विश्वव्यापी महामारी कोराना ने पूरे विश्व को झकझोर दिया है । ये संकट प्रकृति एवं पर्यावरण के साथ मानव द्वारा लंबे समय तक की जाने वाली लापरवाही एवं छेडछाड का परिणाम है । इसलिए इस अंक में पर्यावरण, प्रदूषण, ओजोन परत एवं ग्रीन बेल्ट जैसे विषयों पर उच्च-स्तरीय लेख पत्रिका के आगामी अंक में प्रकाशित किये जाने चाहिए । उन्होने संपादक मण्डल के सदस्यों को पत्रिका को बेहतर बनाने के लिए कुछ सुझाव भी दिये । उन्होने कहा कि-छत्तीसगढ़ विधान सभा का पुस्तकालय समृद्ध है लेकिन हमें यह प्रयास करना है कि छत्तीसगढ़ विधान सभा का पुस्तकालय देश के चुनिंदा पुस्तकालयों में सम्मिलित हो । उन्होने संपादक मण्डल के मान. कार्यकारी संपादक एवं मान. सदस्यों से यह अपेक्षा की संपादक मण्डल के मान. सदस्य अपने ज्ञान एवं अनुभव का उपयोग करते हुए इस पत्रिका को एक ऐसा स्वरूप प्रदान करे कि आगामी सत्रों में जब सदन में पर्यावरण जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा हो तो मान. विधायक गण इस शोध पत्रिका को संदर्भ के रूप में उल्लेखित करें । उन्होने कहा कि-यह पत्रिका देश के समस्त विद्यालयों एवं महाविद्यालयों के पुस्तकालयों में पहंुचे जिससे कि शोध करने वाले छात्र इसका लाभ ले सकें । उन्होने संपादक मण्डल के सदस्यों से यह अपेक्षा की कि अधिक से अधिक बैठकें कर पत्रिका के प्रकाशन को नियमित स्वरूप प्रदान करते हुए प्रदेश एवं देश स्तर पर पहुंचाने का प्रयास करें ।

संपादक मण्डल के कार्यकारी संपादक सतीश जायसवाल ने अपने संक्षिप्त उद्बोधन में मान. विधान सभा अध्यक्ष के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि-मान. अध्यक्ष महोदय ने जो महत्वपूर्ण जिम्मेदारी हमें सौपीं है उस पर पूरी गंभीरता से कार्य करते हुए मान. अध्यक्ष महोदय की अपेक्षा पर खरा उतरने का पूरा प्रयास करेंगे ।

इसके पूर्व प्रारंभ में विधान सभा के प्रमुख सचिव चन्द्र शेखर गंगराडे़ ने अपने उद्बोधन में जानकारी दी कि अविभाजित मध्य-प्रदेश में शोध पत्रिका ’’विधायनी’’ का प्रकाशन होता था। छत्तीसगढ़ राज्य गठन के पश्चात  “विधायन” नाम से पत्रिका का प्रकाशन वर्ष-2001 से प्रारंभ हुआ एवं विगत एक वर्ष से विधान सभा अध्यक्ष मान. डॉ. चरणदास महंत की रूचि एवं निर्देश पर नियमित रूप से “विधायन”  के प्रकाशन का कार्य प्रारंभ किया गया है।

इस अवसर पर संपादक मण्डल के सदस्यगण सुश्री शोभा यादव,  शंकर पाण्डेय,  मोहम्मद हसन खान,  प्रेम पाठक, श्रीमती प्रियंका कौशल ने भी अपने विचार व्यक्त करते हुए महत्वपूर्ण सुझाव दिये ।

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