आगरा : कोरोना संकट के बीच आगरा में शुक्रवार शाम का आंधी-बारिश ने तबाही मचा दी। पश्चिमी विक्षोभ के कारण 124 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से आंधी चली। इसके बाद ओलों के साथ तेज बारिश हुई। आंधी, ओले और बारिश से भारी नुकसान हुआ। शहर में 10 से ज्यादा मकान गिर गए। बच्ची सहित तीन की मौत हो गई, 25 लोग घायल हुए हैं। शहर से देहात तक 200 से ज्यादा पेड़ धराशायी हो गए। कुदरत के कहर से बेजुबान भी नहीं बच सके। कई पशु और सैकड़ों पक्षी मर गए।
पूरे शहर और देहात की बिजली गुल हो गई…
आंधी से आगरा-जयपुर हाईवे पर ही 50 से ज्यादा पेड़ गिरे। यहां से गुजर रहे सांसद राजकुमार चाहर ने बताया कि हर 20 मीटर पर पेड़ गिरा पड़ा है। शहर में जयपुर हाउस, शाहगंज में ही 20 से ज्यादा पेड़ टूटे हैं। मोबाइल टावर, यूनीपोल को भी नुकसान पहुंचा है। आंधी के बाद तेज बिजली चमकी और फिर बारिश शुरू हो गई। मौसम विभाग के जानकारों ने इसे पश्चिमी विक्षोभ बताया है।
थाना सदर क्षेत्र के नगला कर्मवीर में जयवीर और रमेश चंद के मकान गिर गए। जयवीर की छह साल की बच्ची नंदनी की मौत हो गई। जयवीर सहित परिवार के चार लोग घायल हो गए। डौकी क्षेत्र में 60 साल के कैलाशी और फतेहाबाद में 50 के रामशंकर की मौत हो गई।
कमला नगर : मकानों के शीशे टूट गए…
आंधी के दौरान ही पेड़ गिर गए। लोग घरों में दुबक गए। ओलों से मकानों के शीशे टूट गए। बिजली के तारों पर पेड़ गिर जाने से सप्लाई बंद कर दी गई। ऋषि अग्रवाल ने बताया कि आंधी के बाद मेडिकल स्टोर और किराने की दुकानें भी बंद हो गई।
सब्जी को सबसे ज्यादा नुकसान…
ओले, बारिश और तूफान से फसल और बागवानी को भारी नुकसान हुआ है। पेड़ों से आम और जमीन पर बाजरा बिछ गया है। सब्जी नष्ट हो गई हैं। जिला कृषि अधिकारी डॉ. रामप्रवेश वर्मा ने बताया कि फसलों में नुकसान का आकलन करने के लिए टीम गांवों का दौरा करेगी। इसकी रिपोर्ट बनाकर डीएम को सौंपी जाएगी।