पूर्व पेंशन योजना के लिए कर्मचारी संगठनों ने व्यक्त किया मुख्यमंत्री का आभार

खुश हुए कर्मचारी: राजस्थान के बाद छत्तीसगढ़ सरकार ने भी पुरानी पेंशन योजना बहाल करने का किया ऐलान।

⭕पुरानी पेंशन बहाली की घोषणा से कर्मचारियों में हर्ष।

राजनांदगांव। राजनांदगांव के हृदय स्थल जयस्तंभ चौक में छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन संगठनों के प्रतिनिधियों ने कर्मचारियों के लिए एन.पी.एस. के स्थान पर (old pension scheme in Chhattisgarh) पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा पर फटाखा फोड़कर माननीय मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी सहित समस्त विधायकों का धन्यवाद ज्ञापित किया। छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष संजय शर्मा,संभाग प्रभारी विनोद गुप्ता सहित राजनांदगांव जिले के समस्त कर्मचारियों ने एक स्वर में भविष्य सुरक्षित करने के इस ऐतिहासिक निर्णय के लिए मुख्यमंत्री को कोटि-कोटि धन्यवाद दिया।
जिले भर से आए कर्मचारी संगठनों के पदाधिकारियों ने कहा कि 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त कार्मिकों की व्यथा को पहली बार गहलोत सरकार ने समझा और एनपीएस के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना लागू करने की घोषणा कर लाखों कर्मचारियों और उनके परिवार का भविष्य सुरक्षित किया. इसका सकारात्मक संदेश पूरे देश भर में गया है. मुख्यमंत्री के इस फैसले से पूरे प्रदेश के कर्मचारियों में एक नए उत्साह का संचार हुआ है क्योंकि एनपीएस लागू होने के बाद से ही उनमें भविष्य के प्रति काफी चिंता व्याप्त थी।
जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा ने कहा कि कर्मचारियों ने नई पेंशन का सदा विरोध ही किया है, परंतु 2014 से इस विरोध ने आंदोलन की राह पकड़ ली और तब से अब तक लगातार विभिन्न राज्यों के कर्मचारियों और केंद्र के कर्मचारियों ने विभिन्न मंचों से नई पेंशन व्यवस्था के विरुद्ध उठाई है जिसके फलस्वरूप आज छत्तीसगढ़ में भी राज्य के मुख्यमंत्री माननीय बघेल जी ने बहाल की।
प्रदेश आई.टी.सेल प्रभारी व जिला प्रवक्ता देवेंद्र साहू ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा पुरानी पेंशन नीति को दोबारा लागू किए जाने का फैसला स्‍वागत योग्‍य है, जिसमें 1 जनवरी 2004 और उसके बाद नियुक्त कर्मियों के लिए पहले की तरह पेंशन की घोषणा की गई है। हमें विश्‍वास है कि यह ऐतिहासिक निर्णय सरकारी कर्मचारियों को अपनी ड्यूटी पूरे समर्पण और प्रतिबद्धता को प्रेरित करेगा।पुरानी पेंशन योजना (Purani Pension Yojna) के तहत बघेल जी का निर्णय अद्वितीय है और उम्मीद है कि यह केंद्र सरकार को 1 जनवरी 2004 के बाद नियुक्त लोगों के लिए गारंटीकृत पेंशन सुनिश्चित करने के लिए स्थिति की समीक्षा करने के लिए मजबूर करेगा।जिला सचिव जीवन वर्मा ने कहा कि उनके द्वारा लंबे समय से न्यू पेंशन स्कीम को समाप्त करने की मांग की जा रही थी। इस योजना के कारण उनमें भविष्य के प्रति काफी चिंता व्याप्त थी।

 

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