बिप्लब् कुण्डू,पखांजुर : पखांजुर के बड़गाँव का कोटरी नदी पर जैसे ही पुल निर्माण का काम शुरू हुआ तो नदी के आसपास के किसानों को मुआवजा देने के एवज में प्रशासन ने किसानों की जमीन अधिग्रहण कर ली और जमीन के एवज में किसानों को मुआवजा देने की बात पर आश्वस्त किया।प्रशासन की बात पर और मुआवजे की बात पर किसानों ने अपनी उपजाऊ जमीन प्रशासन को दे दी ।और उस जमीन पर पुल निर्माण तो हो गया लेकिन पुल निर्माण होने के बाद प्रशासन उन किसानों को मुआवजा देना भूल गई।
आज एक दसक पूरे होने को है ,किसान सैकड़ो बार विभाग के चक्कर और कलेक्टर ऑफिस के चक्कर काट रहे है लेकिन एक दशक बाद भी मुआवजा उन किसानों को नही मिल सका है।मुआवजे के चक्कर मे एक दसक में किसानों के जेब से उल्टे हजारों रुपये खर्च हो चुके है।जिसको लेकर न तो प्रशासन अपनी गम्भीरता दिखा रहा है और न ही सम्बंधित विभाग के आला अफसर गम्भीर नजर आ रहे है।
लोकसुराज अभियान,ग्राम सूरज अभियान कांकेर कलेक्ट्रेट जनदर्शन,जिला स्तरीय जन समस्या निवारण शिविर व एसडीएम कार्यालय जैसे तमाम जगहों पर आवेदन देते देते किसानो के पास एक मोटी और वजनदार फ़ाइल बनकर तैयार हो चुकी है लेकिन दसक बीतने के बावजूद अधिकारी कुम्भकर्णी नींद से उठने का नाम नही ले रहे और न ही किसान को अबतक कोई संतोषजनक जवाब मिल सका है। अंदाजा लगाया जा सकता है कि एक दशक का वक्त काफी लंबा वक्त होता है इस दरमियान किसानों को काफी परेशानियो और आर्थिक संकट के अलावा शारीरिक परेशानीओ से भी जूझना पड़ रहा है।
उपजाऊ जमीन पर बना पूल–बड़गाँव निवासी रामधारी शर्मा,मनमोहन शर्मा,अशोक विश्वकर्मा ने बताया कि प्रशासन ने हमारे जिस जगह पर पुल निर्णाण कराया है वह हमारा उपजाऊ जमीन था,नदी के किनारे होने के कारण हम सालाना दोहरा फसल लेते थे।जिससे अच्छी आमदनी होती थी।परंतु प्रशासन ने हमारे जमीन पर पुल बनाने हेतु जमीन अधिग्रहण कर मुआवजा देने की बात पर हमने जमीन दिया परन्तु एक दसक बीतने को है न तो हमे जमीन का मुआवजा मिला और न ही हम उस जमीन पर फसल बोआई कर पा रहे है।उल्टे दसक भर से विभाग के चक्कर काट रहे है।सेतु विभाग में जाते है तो वहां के अधिकारी लोकनिर्माण विभाग भेजते है और लोकनिर्माण विभाग जाते है तो सेतु विभाग और तहसील ऑफिस भेजा जाता है।तमाम विभाग के अधिकारी कभी इस विभाग तो कभी उस विभाग भेजते है।
निशा नेताम मंडावी/एसडीएम पखांजुर, किसानों का मुआवजे का प्रकरण पुनर्निधारण हेतु अपर कलेक्टर न्यायालय से प्राप्त हुआ है।जिसे तहसील न्यायालय भेजा गया है।हमारी पूरी कोशिश है जल्द ही किसानों को मुआवजा मिल जाएगा।