रायपुर। भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता सच्चिदानंद उपासने ने कहा कि छत्तीसगढ़ राज्य के अधिकारी व कर्मचारियों को राज्य सरकार द्वारा केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में 14% कम महंगाई भत्ता का भुगतान किया जा रहा है ।उपासने ने कहा कि महंगाई भत्ते के मामले में राज्य के कर्मचारी केंद्रीय कर्मचारियों की तुलना में दो से तीन वर्ष पीछे चल रहे हैं, वहीं मकान किराया भत्ता एवं चिकित्सा भत्ता आदि सातवां वेतनमान लागू होने के 6 वर्ष के बाद भी पुराने छठवें वेतनमान के अनुसार ही दिया जा रहा है जो अन्याय है।उपासने ने कहा कि राज्य सरकार की अधिकारियों व कर्मचारियों के प्रति इस उपेक्षा पूर्ण रवैया से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों को प्रतिमाह लगभग ₹5000 से लेकर प्रथम श्रेणी के अधिकारियों को ₹10000 प्रति माह तक नुकसान हो रहा है जो हर दिन के साथ लगातार बढ़ता ही जा रहा है। उपासने ने कहा कि विगत 2 वर्षों से लंबित महंगाई भत्ता स्वीकृत नहीं किए जाने से चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी से लेकर तृतीय, द्वितीय एवं प्रथम श्रेणी अधिकारी ,कर्मचारियों को डेढ़ लाख से 3 लाख रुपयों तक का नुकसान हो चुका है। पिछले काफी समय से अधिकारी कर्मचारी संगठन द्वारा लगातार केंद्र के समान महंगाई भत्ते की मांग किए जाने के उपरांत भी राज्य सरकार का रवैया इस वर्ग के प्रति उपेक्षा पूर्ण बना हुआ है जो बहुत ही निंदनीय है। उपासने ने कहा कि कोरोना जैसी महामारी के कारण कई अधिकारी, कर्मचारियों के परिवार भी प्रभावित हुए तथा चिकित्सा आदि में लाखों रुपए अतिरिक्त खर्च करना पड़ा है ,इससे कई अल्प वेतनभोगी कर्मचारियों का परिवार पूरी तरह से आर्थिक तंगहाली के कारण बर्बादी के कगार पर पहुँच चुका है। उपासने ने कहा कि आर्थिक असुरक्षा के चलते भारी आर्थिक एवं मानसिक परेशानियों के बावजूद भी विगत तीन वर्षों से कोरोना महामारी जैसी आपदा की स्थिति में भी यह कर्मचारी, अधिकारी पूर्ण निष्ठा से अपने एवम अपने परिवार की परवाह किये बिना पूरी निष्ठा व लगन से अपने शासकीय कार्य कर रहे हैं ,परंतु राज्य के अधिकारी व कर्मचारियों के प्रति राज्य शासन का रवैया भेदभाव एवं उपेक्षा पूर्ण बना हुआ है। उपासने ने कहा कि वर्तमान में कोरोना जैसे विकट आपदा को देखते हुए केंद्र के साथ ही लगभग सभी राज्य सरकारों के द्वारा जिसमें कि कांग्रेस की सरकारें भी शामिल हैं केंद्र के घोषणा होते ही तुरंत केंद्र के समान महंगाई भत्ते का भुगतान करते हुए अपने अपने प्रदेश के कर्मचारियों को राहत प्रदान की गई है। परंतु दुर्भाग्य है कि छत्तीसगढ़ सरकार में राज्य के अधिकारी और कर्मचारियों के प्रति सौतेला एवम उपेक्षा पूर्ण रवैया तथा हठधर्मिता एवं तानाशाही के चलते उनके तीन वर्षों से महंगाई भत्ते की राशि को रोके रखकर अन्यायपूर्ण ढंग से लगातार अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ शोषण कर रही है ।उपासने ने कहा कि जहां एक तरफ प्रदेश सरकार द्वारा केंद्र के समान कर्मचारियों को 5 दिन कार्य की स्वीकृति प्रदान की है ऐसी स्थिति में उपासने ने मांग की है कि प्रदेश सरकार तुरंत केंद्र के समान महंगाई भत्ता प्रदेश के कर्मचारियों अधिकारियों को प्रदान करते हुए पूर्व में बकाया राशि का भुगतान कर तंगहाली एवं दुर्दशा से कराह रहे राज्य के कर्मचारियों ,अधिकारियों के साथ न्याय योजना के समान ही न्याय करें।