नई दिल्ली : लखीमपुर खीरी में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत के बाद से राजनीति तेज हो गई है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने जहां इस मुद्दे पर आज प्रेस कॉन्फ्रेंस करके योगी और केंद्र सरकार पर हमला बोला तो वहीं अब भाजपा ने भी पलटवार किया है। भाजपा नेता संबित पात्रा ने राहुल गांधी को जवाब देते हुए कहा कि लखीमपुर खीरी में जो कुछ भी हुआ है, वो दुःखद है। हमने उसके पश्चात देखा है कि चाहे किसान संगठन हो, चाहे प्रशासन दोनों ने मिलकर बातचीत की, दोनों के बीच में समन्वय हुआ, दोनों ने बातचीत करके कुछ निष्कर्ष निकाले। मुख्यत: जो निष्कर्ष था वो एक निष्पक्ष जांच का था। उन्होंने कहा कि मुझे दुख के साथ कहना पड़ रहा है कि राहुल गांधी ने एक बार फिर से वही किया जो उनसे उम्मीद की जा रही थी। संबित ने कहा कि राहुल गांधी हमेशा संवेदनशील घटना पर राजनीति करते हैं। उन्हें किसानों से कोई मतलब नहीं है केवल वे अपनी राजनीति चमका रहे हैं।
राहुल गांधी विशेषज्ञ न होने के बाद भी पोस्टमार्टम पर सवाल उठा रहे: संबित पात्रा
संबित ने कहा कि पोस्टमार्टम पर किसी ने अगर सवाल नहीं उठाए, तो राहुल गांधी उसके विशेषज्ञ न होने के बाद भी उस पर भ्रम फैलाकर वातावरण को अशांत करने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि गांधी परिवार का किसानों से कोई लेनादेना नहीं है। गांधी परिवार का केवल अपने परिवार से ही लेनादेना है। लखीमपुर खीरी में जो हुआ उसको एक राजनीतिक अवसर के रूप में देखना ये गांधी परिवार अपने परिवार की साख को बचाने की कोशिश कर रहा है।
जहां तक राहुल गांधी और गांधी परिवार का सवाल है, इस परिवार का किसानों से, व्यापारियों से, हिंदुस्तान के हर वर्ग से कोई लेना-देना नहीं है। गांधी परिवार का केवल और केवल अपने परिवार से ही लेना-देना है। संबित ने कहा कि राहुल गांधी कह रहे हैं कि वो लखीमपुर खीरी जाना चाहते हैं, पर क्या उन्होंने राजस्थान के किसानों की चिंता की? राजस्थान में धान की खरीदी के लिए कुछ किसान प्रशासन के सामने गए थे, उन पर लाठीचार्ज किया गया, वो किसान आज अस्पताल में भर्ती हैं, क्या राहुल गांधी जी ने इस पर राज्य के मुख्यमंत्री से बात की?
आप चयनात्मक राजनीति क्यों करते हैं राहुल: संबित पात्रा
संबित पात्रा ने कहा कि राहुल एक सवाल आपसे भाजपा पूछ रही है, कि आप चयनात्मक राजनीति क्यों करते हैं? हमने टीवी के माध्यम से देखा कि राजस्थान के हनुमानगढ़ में धान की खरीदी के लिए जो किसान प्रशासन के पास गए थे उन पर बर्बरता पूर्वक लाठियां बरसाई गईं।