नई दिल्ली : आयकर की पुरानी स्लैब के तहत वैसे तो सभी करदाताओं को टैक्स छूट मिलती है, लेकिन बुजुर्गों को कई तरह की खास रियायतें दी जाती हैं। उन्हें न सिर्फ कमाई पर टैक्स छूट का लाभ मिलता है, बल्कि निवेश और रिटर्न पर भी राहत दी जाती है। ऐसे करदाता कहां-कितना टैक्स बचा सकते हैं
स्लैब ज्यादा व एडवांस टैक्स से भी मिलेगी छूट
बीपीएन फिनकैप के निदेशक एके निगम का कहना है कि पुरानी आयकर स्लैब के तहत वरिष्ठ नागरिकों की 3 लाख तक सालाना आय को टैक्स के दायरे से बाहर रखा गया है। 60 साल से कम आयु के करदाताओं को 2.5 लाख रुपये सालाना आय पर ही टैक्स छूट दी जाती है।
60 से 80 साल के बुजुर्गों को 3 लाख से ऊपर की कमाई पर टैक्स देना होगा, जबकि 80 से ज्यादा उम्र वाले बुजुर्गों की सालाना 5 लाख तक कमाई आयकर के दायरे से पूरी तरह बाहर रहती है।
इसके अलावा वेतन-पेंशन, किराये और ब्याज से कमाई करने वाले बुजुर्गों को एडवांस टैक्स भरने से भी राहत दी जाती है, जबकि 60 साल से कम उम्र वाले ऐसे करदाताओं को आयकर की धारा 211 के तहत एडवांस टैक्स देना जरूरी होता है। हालांकि, एडवांस टैक्स तभी भरने की जरूरत पड़ती है, जब सालाना कर देयता 10 हजार रुपये से ज्यादा हो।
31 दिसंबर हो गई है 2020-21 का आयकर रिटर्न भरने की तिथि
पेंशन पर 50 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन…
बुजुर्गों की पेंशन भी वेतन की तरह की आयकर के दायरे में आती है। आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत सेवानिवृत्त बुजुर्ग अपनी पेंशन पर सालाना 50 हजार रुपये का स्टैंडर्ड डिडक्शन क्लेम कर सकता है। यह रियायत इलाज पर हुए खर्च और परिवहन के मद में दिया जाता है, जिसके लिए किसी प्रकार के दस्तावेज की जरूरत नहीं पड़ती। हालांकि, इसके लिए जरूरी है कि संबंधित करदाता की आय पेंशन या वेतन के रूप में जरूरी हो। अगर किसी बुजुर्ग को पेंशन या वेतन से आय नहीं होती और उसकी कमाई एफडी के ब्याज या किराये पर निर्भर होती है, तो ऐसे करदाता स्टैंडर्ड डिडक्शन का लाभ नहीं ले सकते हैं।
ब्याज पर 50 हजार तक रियायत…
बुजुर्गों को बैंक या डाकघर बचत खाते, रिकरिंग अथवा एफडी से मिलने वाले ब्याज पर 50 हजार का स्टैंडर्ड डिडक्शन दिया जाता है। आयकर की धारा 80टीटीबी के तहत 60 साल से अधिक उम्र के करदाताओं को सालाना 50 हजार तक ब्याज को टैक्स के दायरे से बाहर माना जाता है। वहीं, सामान्य करदाताओं के लिए धारा 80टीटीए के तहत छूट महज 10 हजार रुपये है। बुजुर्गों को छूट पाने के लिए रिटर्न भरते समय फॉर्म 15 एच जमा करना जरूरी होगा। ब्याज से आय 50 हजार से अधिक है, तो बैंक स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) ले सकते हैं।
2020-21 की टैक्स स्लैब
आय दर उपकर
3 लाख तक 0% 0%
3-5 लाख 5% 4%
5-10 लाख 20% 4%
10 लाख से ज्यादा 30% 4%
स्वास्थ्य बीमा पर 50 हजार की राहत…
बुजुर्गों को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम या चिकित्सीय खर्च के मद में आयकर अधिनियम की धारा 80डी के तहत सालाना 50 हजार रुपये तक कर रियायत दी जाती है। हालांकि, 60 साल से कम उम्र के करदाताओं के लिए यह छूट 25 हजार रुपये तक ही सीमित है। अगर बुजुर्ग किसी पर आश्रित है, तो गंभीर बीमारी के इलाज के लिए आयकर की धारा 80डीडीबी के तहत 1 लाख रुपये तक टैक्स छूट का दावा किया जा सकता है।
रिवर्स मॉर्गेज पर टैक्स नहीं…
रिवर्स मॉर्गेज योजना के तहत बुजुर्गों को खास कर रियायत दी जाती है। इसमें 60 साल से ज्यादा उम्र के करदाताओं के मकान का मुद्रीकरण कर उन्हें वापस ईएमआई के रूप में भुगतान किया जाता है। इससे बुजुर्गों को हर महीने होने वाली आय में इजाफा हो जाता है, लेकिन रिवर्स मॉर्गेज से मिलने वाली ईएमआई को पूरी तरह टैक्स दायरे से बाहर रखा जाता है।
अब तो रिटर्न से भी राहत…
आयकर विभाग ने बुजुर्गों को हर साल रिटर्न भरने की प्रक्रिया से भी मुक्त कर दिया है। जिन बुजुर्गों को सिर्फ पेंशन और ब्याज के रूप में ही आमदनी होती है, वे अपने बैंक में फार्म
12बीबीए जमा कर रिटर्न भरने से छूट ले सकते हैं और बैंक उनकी आय पर स्लैब के हिसाब से टैक्स काटकर सरकार तक पहुंचा देंगे।
-गिरीश नारंग, कर सलाहकार