संजीव जैन आत्महत्या कांड मामले में दो गिरफ्तार…साजिश में महिला के साथ उसका पति एवं देवर भी शामिल

विपुल कनैया,राजनांदगांव : पुलिस ने बहुचर्चित संजीव जैन हत्याकांड मामले में दो लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि मृतक की पहचान आरोपी महिला से रॉंग नम्बर के जरिये हुई और खुदकुशी जैसे खौफनाक मंजर पर आकर संजीव जैन की जिंदगी का अंत हो गया। पुलिस के मुताबिक महिला ने फोन पर संजीव से दोस्ती की और प्रेमजाल में फंसा लिया। इसके बाद साजिश के तहत करोड़ो रूपये वसूले। आरोपियों ने ब्लैकमेल कर खाते में करीबन पौने दो करोड़ रूपये डलवा लिए। साजिश में महिला के साथ उसका पति एवं देवर भी शामिल था।

घटना दिनांक 10 अगस्त की है, राजनांदगांव के बसंतपुर थाना क्षेत्र के हिरामोती लाइन निवासी संजीव जैन पिता सुरेशचंद जैन उम्र 56 वर्ष द्वारा फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। इस मामले में आज एएसपी प्रज्ञा मेश्राम ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में खुलासा किया। पुलिस के मुताबिक रायपुर निवासी मानसी यादव ने मेरठ में रहते हुए अलग-अलग कामों के नाम पर मृतक से लाखो रुपये लिये थे। इस वजह से मृतक को लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ना झेलना पड़ रहा था। जिससे हताश एवं परेशान होकर कूआ चौक नंदई स्थित अपने पुराने मकान में फांसी लगा की थी।

फोन कॉल पर रॉंग नम्बर के माध्यम से संजीव जैन और मानसी यादव की जान-पहचान हुई थी। जिसके बाद दोनों की दोस्ती बढ़ती गई। इसके बाद आरोपी महिला ने कभी नौकरी लगाने के नाम पर तो कभी घर बनाने के नाम पर कई बार रुपये लिए। यही नहीं बैंक से लोन निकलवाने के नाम और भी आरोपी ने संजीव जैन को ठगा। इस पूरे घटनाक्रम में आरोपी मानसी यादव के पति ललित सिंह और उसके देवर कौशल सिंह ने साथ दिया।
मृतक के बैंक खाते की बारिकी से जांच एवं सुसाईड नोट में मिले मोबाईल नम्बरों के बारे में पता लगाने पर पुलिस को अहम सबूत मिले।

मृतक ने करीबन 1 करोड़ 77 लाख रुपये मानसी यादव के बैंक खाते में डाली थी। पुलिस ने जब मानसी यादव की सरगर्मी से तलाश की तो पूरे मामले को समझने में पुलिस को देर नहीं लगी। इसके बाद पुलिस की अलग-अलग टीम रायपुर, दिल्ली, मेरठ (उ.प्र.). भेजी गई।

बैंक खाते में दिये पते पर भी मानसी सालों से नहीं रह रही थी सभी जगह पुलिस ने अपने मुखबीर लगा कर रखे थे। पुलिस टीम को मुखबीर के माध्यम से सूचना मिली कि डंगनिया रायपुर स्थित मानसी यादव के बहन मधु यादव के घर में मानसी यादव सालों बाद तीज मनाने आयी है। सूचना पर तत्काल टीम द्वारा घेराबंदी कर मानसी यादव को पकड़ा गया।

मानसी यादव ने पूछताछ के दौरान बताया कि करीबन 8 साल पहले फोन के राग नम्बर लगने से मृतक संजीव जैन से उसकी जान पहचान हुई थी। बातचीत के दौरान जब मानसी को पता चला कि मृतक पैसे वाला है तब उसने मृतक को अपने प्रेम जाल में फंसाया। इस दौरान कई बार वो मेरठ (ससुराल) एव रायपुर (मायके) से राजनांदगांव आयी व कई बार मानसी ने मृतक को अपने पास रायपुर व मेरठ बुलाया। इस दौरान इनके बीच अनेकों बार शारीरिक संबंध बना। मृतक द्वारा मानसी को लगातार कभी पढ़ाई के नाम पर कभी नौकरी लगने के नाम पर व मकान खरीदने के नाम पर रकम दिया जाता था। मृतक द्वारा पैसा वापस मांगने पर मानसी द्वारा बैंक से लोन लेकर रकम वापस करने की बात कह कर अपने पति ललित सिंह को मोहित शर्मा व अपने देवर कौशल सिंह को निखिल जैन व आशीष बनाकर मृतक से बात कराया गया, मानसी के पति एवं देवर दोनों के द्वारा मृतक से लगातार मोहित शर्मा एवं निखिल जैन बैंक अधिकारी बन कर मृतक से लोन दिलाने के नाम पर प्रोसेसिंग फीस के रूप में लाखों रुपये मानसी एव भिन्न-भिन्न व्यक्तियों के बैंक खातों में डलवा कर उगे गये। मृतक जब भी मानसी को पैसा देने में आनाकानी करता था तो मानसी उसके पति ललित व देवर कौशल सिंह द्वारा मानसी व मृतक संजीव जैन के बीच बने अवैध संबंध को उसकी पत्नी के परिवारवालों को बताकर उसकी इज्जत बरबाद कर देने की धमकी देते थे। पुलिस ने महिला समेत दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है वहीं एक आरोपी की अब तक गिरफ्तारी नहीं हो सकी है।

 

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