काबुल में शहीद सैनिकों के सम्मान में 4 दिन झुका रहेगा अमेरिकी झंडा…आतंकियों को ढूंढ-ढूंढकर मारेंगे- बाइडन

वाशिंगटन : काबुल में हुए बम धमाके और उसमें 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत के बाद अफगानिस्तान में अमेरिका फिर से सक्रिय होता दिख रहा है। राष्ट्रपति जो बाइडन ने साफ कर दिया है कि तुम्हे हम माफ नहीं करेंगे, ढूंढेंगे और सजा देंगे। उन्होंने यह भी कहा है कि हमारा मिशन अभी खत्म नहीं हुआ है।

बाइडन ने बृहस्पतिवार को व्हाइट हाउस में पत्रकारों से कहा, ‘ इस हमले को अंजाम देने वाले और अमेरिका को नुकसान पहुंचाने की मंशा रखने वाले ध्यान रखें कि हम तुम्हें बख्शेंगे नहीं। हम यह भूलेंगे नहीं। हम तुम्हें पकड़कर इसकी सजा देंगे। मैं अपने देश के हितों और लोगों की रक्षा करूंगा…..’राष्ट्रपति ने कहा कि काबुल में हामिद करजई अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे और उसके पास एक होटल पर हुए भयावह हमले के पीछे आईएसआईएस-के का हाथ है।

बाइडन ने कहा कि जैसा कि आप सभी जानते हैं, जिन आतंकवादी हमलों के बारे में हम बात कर रहे थे और जिनके बारे में खुफिया तंत्र चिंतित था, उसे आईएसआईएस-के नामक संगठन ने अंजाम दिया। उन्होंने हवाईअड्डे पर तैनात अमेरिकी सेवा के सदस्यों की जान ली और कई को गंभीर रूप से घायल भी कर दिया। उन्होंने कई असैन्य लोगों की भी जान ली और कई को घायल भी किया।

बाइडन ने कहा कि उन्होंने अपने कमांडरों को आईएसआईएस-के के ठिकानों, नेतृत्व और सुविधाओं पर हमला करने की योजना तैयार करने के आदेश दे दिए हैं। उन्होंने कहा कि काबुल में निकासी अभियान को 31 अगस्त तक पूरा करने के लिए वह अब भी प्रतिबद्ध हैं।

बाइडन ने कहा, ‘हम अभियान पूरा कर सकते हैं और जरूर करेंगे। मैंने उन्हें यही आदेश भी दिया है। हम आतंकवादियों के आगे घुटने नहीं टेकेंगे। हम उन्हें हमारा अभियान रोकने नहीं देंगे। हम निकासी अभियान जारी रखेंगे।’ राष्ट्रपति ने कहा कि यह तालिबान के हित में है कि वह आईएसआईएस-के को अफगानिस्तान में और पैर ना पसारने दे। उन्होंने साथ ही कहा कि हवाईअड्डे पर हमले को अंजाम देने में तालिबान और आईएसआईएस की मिलीभगत का अब तक कोई सबूत नहीं मिला है।

13 शहीद सैनिकों के सम्मान में चार दिन झुका रहेगा अमेरिकी झंडा
इस बीच अपने शहीद सैनिकों को सम्मान देने के लिए अमेरिका का राष्ट्रीय ध्वज झुका रहेगा। व्हाइट हाउस से मिली जानकारी के अनुसार अमेरिका का राष्ट्रीय ध्वज 30 अगस्त की शाम तक आधा झुका रहेगा। गौरतलब है कि काबुल एयरपोर्ट पर हुए धमाके में 13 अमेरिकी सैनिकों की मौत हो गई, वहीं 18 से ज्यादा सैनिक इसमें घायल हैं।

कुल 72 लोगों की हुई है मौत…
काबुल एयरपेार्ट के बाहर गुरुवार को दो आत्मघाती बम धमाके हुए थे। इन धमाकों की जिम्मेदारी देर शाम तक आतंकी संगठन आईएस (इस्लामिक स्टेट) ने ली। बता दें इन धमाकों में 13 अमेरिकी सैनिकों समेत कुल 72 लोगों की मौत हो गई है। वहीं रूसी न्यूज एजेंसी ने तीसरा बम धमाका होने का भी दावा किया था। हालांकि, इसकी पुष्टि नहीं हुई।

सैनिकों को ही बनाया गया था निशाना 
काबुल एयरपोर्ट के ऐबी गेट के बाहर पहला धमाका हुआ था। यहां पर  अमेरिका और ब्रिटेन के सैनिक तैनात रहते हैं। बताया जा रहा है कि हमलावर फयरिंग करते हुए ऐबी गेट के पास आया और उसने खुद को बम से उड़ा लिया। दूसरा धमाका ऐबी गेट के ही नजदीक बैरल होटल के बाहर हुआ। माना जा रहा है कि धमाके का उद्देश्य सैनिकों को ही निशाना बनाना था।

ट्र्ंप बोले, धमाके की घटना बेहद दुखद 
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने काबुल धमाके पर कहा कि इस तरह की दुखद घटना बिल्कुल नहीं होनी चाहिए थी। बता दें कि ट्रंप के शासनकाल में ही अमेरिका और तालिबान के बीच दोहा में समझौता हुआ था।

आईएस ने ली जिम्मेदारी…
समाचार एजेंसी रायटर्स के मुताबिक, इस्लामिक स्टेट ने काबुल एयरपोर्ट धमाके की जिम्मेदारी ली। आतंकी संगठन ने अपने टेलीग्राम अकाउंट पर हमले की जिम्मेदारी ली है। इसी बीच काबुल में एक और धमाके की आवाज आई है।

काबुल में धमाकों की भारतीय विदेश मंत्रालय ने की निंदा
भारतीय विदेश मंत्रालय ने बम धमाके पर बयान जारी करते हुए इसकी निंदा की है। विदेश मंत्रालय ने कहा- हम काबुल में धमाकों की निंदा करते हैं। हम आतंकी हमले में मारे गए लोगों के प्रति अपनी संवेदना जाहिर करते हैं। ये धमाका बताता है कि हमें आतंकवाद और इसे पोषित करने वालों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाने की जरूरत है

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