अफगान नीति पर ट्रंप ने राष्ट्रपति जो बाइडन से पूछा – कहीं आम लोगों की जगह आतंकियों को तो नहीं ला रहे?

वाशिंगटन : पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति जो बाइडन को उनकी अफगान नीति को लेकर जमकर फटकार लगाई है। उन्होंने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि निकासी प्रक्रिया के तहत कहीं आम लोगों की जगह हजारों आतंकियों को अमेरिका तो लेकर नहीं आ गए। ट्रंप ने  नाराजगी जताते हुए कहा कि बाइडन ने अफगानिस्तान को आतंकवादियों के हवाले कर दिया और सेना को हटाकर हमारे अमेरिकी नागरिकों को मरने के लिए छोड़ दिया।

ट्रंप ने कहा जिन 26,000 लोगों को अफगानिस्तान से निकाला गया है, उनमें से केवल 4,000 अमेरिकी हैं। उन्होंने कहा कि अब हम केवल कल्पना कर सकते हैं कि अफगानिस्तान से और दुनिया भर के पड़ोसी देशों से कितने हजार आतंकवादियों को एयरलिफ्ट किया गया है। कितनी भयानक विफलता है और कोई जांच नहीं की गई। उन्होंने कहा कि बाइडन कितने आतंकियों को अमेरिका लाएंगे? हम नहीं जानते।

वहीं इस बीच, अफगानिस्तान में युद्ध के एक अनुभवी रिपब्लिकन कांग्रेसी माइक वाल्ट्ज ने प्रतिनिधि सभा में एक प्रस्ताव पेश किया। इस प्रस्ताव में तालिबान की आतंकी गतिविधि के बारें में सैन्य और खुफिया सलाहकारों की सलाह पर ध्यान नहीं देने के लिए बाइडन की निंदा की गई। वाल्ट्ज ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन ने विश्व मंच पर अमेरिका को शर्मिंदा किया है और हमारे आधुनिक इतिहास में यह सबसे खराब विदेश नीति है।

वाल्ट्ज ने कहा कि सैन्य नेताओं और सांसदों की सलाह मानने की जगह बाइडन ने अफगानिस्तान में एक मानवीय संकट पैदा कर दिया है। वाल्ट्ज ने आरोप लगाया कि बाइडन ने शर्मनाक तरीके से अफगानों की स्वतंत्रता, अमेरिकी सैन्य उपकरण और बहुमूल्य संसाधनों को तालिबानी आतंकवादियों के हाथों में सौंप दिया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन की अनभिज्ञता और हठ हालात को और बिगाड़ रहे हैं।

31 अगस्त तक सभी सैनिकों को निकलेगा अमेरिका…
अमेरिका ने ये तय कर लिया है कि 31 अगस्त तक अपने सैनिकों को अफगानिस्तान से अमेरिका बुला लेगा। राष्ट्रपति जो बाइडन पहले ही इसकी घोषणा कर चुके हैं और बीते दिन जी-7 की बैठक में भी उन्होंने अमेरिका की योजना को सबसे सामने रख दिया है।

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