नई दिल्ली : देश में जातिगत जनगणना की मांग के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ तेजस्वी यादव मिलने पहुंचे हैं। मुलाकात से पहले नीतीश कुमार ने कहा कि प्रधानमंत्री से मिलने जा रहा हूं। हमारी मांग है कि देश में अब जातिगत जनगणना करवाई जाए। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से नीतीश कुमार की यह मुलाकात इसलिए भी खास है क्योंकि, उनके साथ विपक्षी दलों के दस अन्य नेता भी शामिल हैं। इसमें तेजस्वी यादव व विकासशील इंसान पार्टी के मुखिया मुकेश सहनी भी मौजूद हैं।
मुलाकात से पहले राजद नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार विधानसभा में दो बार जातीय जनगणना का प्रस्ताव पारित हुआ और आखिरी जातीय जनगणना 1931 में हुई। इससे पहले 10-10 साल में जातीय जनगणना होती रही। जनगणना से सही आंकड़े सामने आएंगे जिससे हम लोगों के लिए बजट में योजना बना सकते हैं। वहीं बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी ने कहा कि जातिगत जनगणना कराने के लिए बिहार विधानसभा ने दो बार सर्वसम्मति से केंद्र सरकार के पास प्रस्ताव भेजा है। 1931 के बाद कोई जातिगत जनगणना नहीं हुई है। बिहार के सत्ता और विपक्ष सभी इस मुद्दे के लिए तैयार हैं।
भाजपा के कई नेता भी कर रहे मांग…
देश में जातिगत जनगणना कराए जाने की मांग अब भाजपा के अंदर भी उठने लगी है। कई नेता इसकी मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री से आज होने वाली मुलाकात में भाजपा नेता व बिहार सरकार में मंत्री जनक राम भी शामिल हैं। सूत्रों के मुताबिक वह भी प्रधानमंत्री के सामने यह मांग उठाएंगे।
नीतीश कुमार कई बार कर चुके हैं मांग…
नीतीश कुमार देश में जातिगत जनगणना की मांग पिछले कई सालों से कर रहे हैं। हाल ही में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में बयान दिया था कि केंद्र जाति के आधार पर जनसंख्या की गणना नहीं करेगा। इसके बाद भी नीतीश कुमार ने मांग रखी थी। अब 10 दलों का प्रतिनिधिमंडल यही मांग पीएम के सामने रखेगा। इसमें में बिहार के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव, कांग्रेस विधायक दल के नेता अजीत शर्मा, सीपीआईएमएल से महबूब आलम, एआईएमआईएम से अख्तरुल इमान, पूर्व सीएम जीतन राम मांझी, मुकेश सहनी, सीपीआई से सूर्यकांत पासवान, सीपीएम अजय कुमार भी शामिल हैं