बिप्लब् कुण्डू,पखांजुर : वन मंडल पश्चिम भानुप्रतापपुर में 41 समितियों में तेंदू पत्ता का तोड़ाई शुरू हो गया है। ग्रामीण अंचल के लोग इस काम में जुट गए हैं। महिलाएं, युवक-युवतियां तेंदू पत्ता तोड़ रहे हैं। वहीं बच्चे उसे एकत्रित कर रहे हैं। बुजुर्ग तेंदू पत्ता का बंडल बांधने के लिए पेड़ों की छाल से रस्सियां बनाने में जुटे हैं। आम तौर पर मई महीने के शरू सप्ताह में तोड़ाई का काम शरू हो जाता था पर इस समय कोरोना सक्रंमण लॉकडाउन के चलते मई माह के दूसरे हप्ते में शुरू हो पाया।
पश्चिम वनमंडल के 440 फडो़ में तेंदूपत्ता तोड़ाई एवं खरीदी लॉकडाउन और फिजिकल डिस्टेंसिंग के बीच शुरू हो गई हैं। जहां पर इस बार गांवों में स्थिति कुछ बदली हुई है। कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते बाहर गए मजदूर एवं ग्रामीण अपने-अपने गांव लौटने लगे हैं, ऐसे में तेंदूपत्ता तोड़ाई व संग्रहण का काम शुरू हुआ है इस कार्य में ग्रामीणों की तादाद बढ़ने की उम्मीद है । जिसका फायदा तेंदूपत्ता तोड़ाई को होने वाला है।
आदिवासी क्षेत्र में तेंदूपत्ता को हरा सोना का दर्जा मिला है। इसकी तोड़ाई व खरीदी के लिए ग्रामीण इलाकों में पहले से तैयारी किया गया था। संग्रहण के बाद 48 से 52 के बीच पत्तो को बांधकर गड्डी बनाया जाता है। फिर उसे फड़ो में जाकर 10-10 की लाइन से सुखाया जाता हैं। पश्चिम वन मंडल में 80 हजार 400 मानक बोरा तेंदूपत्ता की खरीदी का लक्ष्य है l
पश्चिम वनमंडल भानु. डीएफओ आर.सी मेश्राम से प्राप्त जानकारी के अनुसार पूरे वनमंडल में लगभग 50 हजार मास्क का वितरण संग्रहणकर्ताओ को निशुल्क दिया गया है। सभी फड़ केंद्रों को सेनेटजर किया गया है। कोरोना महामारी को ध्यान में रखते हुए शोसल डिस्टेंसिग का अनिवार्य रूप से पालन करने का आदेश दिया गया है। उन्होंने बताया की लॉकडाउन के चलते अन्य राज्यो से आने वाले ठेकेदार आने में परेशानी हो रही है जिसके चलते कुल 41समितियों 32 समितियों को ही ठेकेदार द्वारा लिया गया है। बची 9 समिति को विभाग के द्वारा खरीदी किया जा रहा है। ठेकेदार नही आने की वजह से और भी 8 समिति के ठेकेदार ने विभाग से मदद मांगी की हमारी 8 समिति को भी विभाग खरीदी कर तेंदूपत्ता हमारे तक पहुँचा दे। विभाग ने सहमति जाहिर करते हुवे कार्य को चालू कर दिया।
सोशल डिस्टेंसिंग का हो रहा पालन
कोरोना वायरस के संक्रमण के चलते लॉकडाउन घोषित है। बहरहाल यह कब तक खत्म होगा यह आने वाले समय में पता चल पाएगा लेकिन विभाग तेंदूपत्ता खरीदी में जुटा है। लॉकडाउन और फिजिकल डिस्टेंसिंग के साथ समितियों में पत्ते की तोड़ाई व संग्रहण का काम शुरू हो गया है। विभाग को उम्मीद है कि इस बार उन्हें गांवों में काफी संख्या में लोग मिलेंगे जो लॉकडाउन के चलते बाहर से अपने घर लौट आए है। इससे ज्यादा मात्रा में पत्ते की तोड़ाई व संग्रहण होने की संभावना है।
दोपहर बाद खरीदी
तेंदुपत्ता संग्राहक सुबह के दौरान जंगल की ओर निकल जाते हैं। इसके बाद यहां दिन भर रहने के बाद अच्छी क्वालिटी का तेंदूपत्ता इक्ट्ठा करते हैं। 50-50 की गड्डी बना कर इसे तेंदूपत्ता फड़ में लाते हैं। इसके बाद तेंदूपत्ता के लाट लगा दिया जा रहा है। अच्छे व खराब पत्ते की जांच फड़ मुंशी कर रहे हैं।
तेंदूपत्ता छत्तीसगढ़ वनवासियों की अमूल्य संपदा
ग्रामीण अंचल के लोगों का कहना है कि सोना धरती के सतह से हजारों मीटर नीचे चट्टानों में ही मिलता है पर छत्तीसगढ़ की धरती पर हरा सोना हमारे जंगलों में जमीन के ऊपर पौधों में मिलता है ये हरे सोने के रूप में तेंदूपत्ता वनवासियों की अमूल्य संपदा रहा है जो ग्रामीणों के लिए आजीविका के अपार संभावनाएं लेकर आता है ।दुर्गम चट्टानी एवं पथरीली भूमि पर जल संसाधनों के अभाव में केवल मानसूनी कृषि ही संभव हो पाती है यह साल के 5 महीनों के रोजगार के पश्चात इन वनवासियों के पास ना तो रोजगार होता है ना है आजीविका का कोई साधन होता है ऐसे में इन दुर्गम जंगली इलाकों में रहने वाले वनवासियों के समक्ष भोजन की समस्या उत्पन्न हो जाती है जो इन्हें या तो कुपोषण या तो पलायन की ओर ले जाती है इन परिस्थितियों में ग्रामीण आजीविका के लिए अपने वनों के अमूल्य संपदा वनोपज पर ही निर्भर रहते हैं ।
आंध्रप्रदेश,महाराष्ट्र और बंगाल,तेलंगाना के हैं ठेकेदार
मिली जानकारी के अनुसार, जिले में तेंदूपत्ता का ठेका आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र,बंगाल और तेलंगाना राज्य के ठेकेदार ने लिया है। बाहर से मजदूर नहीं आने की स्थिति में ठेकेदारों को स्थानीय मजदूरों से तोड़ाई व संग्रहण का कार्य करना पड़ेगा। लॉक डाऊन की ्िस्थति में मजदूर नहीं मिलने पर ठेकेदारों को नुकसान उठाना पड़ सकता है।
तेंदूपत्ता तोड़ाई के बाद स्थानीय हाट बाजार में आती है रौनक,
तेंदूपत्ता तोड़ाई के बाद मिलने वाली राशि से पूरा परिवार अपने जरूरत के सामानों की खरीदारी करने में लग जाता है इसी वजह से बाजारों में रौनक लौट आती है।
क्या कहते हैं विभागीय अधिकारी
इस संबंध में पश्चिम वनमंडल डीएफओ आर.सी मेश्राम ने बताया की इस कार्यालय के अंतर्गत 41 समितियों में 440 फड़ हैं। 32 समिति में ठेकेदार के द्वारा संग्रहण किया जा रहा है। रेंज कापसी,बांदे,कोयलीबेड़ा जिसमें 9 समिति विभागीय है । सभी संग्रहण कर्ताओं को मास्क दिया गया है वहीं सोशल डिस्टेंस का भी पालन कराया जा रहा है शासन के निर्देशानुसार खरीदी की जा रही है ।