लंदन : एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपने उस दावे से यू-टर्न ले लिया है, जिसमें कहा था कि एनएसओ के फोन रिकॉर्ड का सबूत उनके हाथ लगा है, जिसे उन्होंने भारत समेत दुनियाभर के कई मीडिया संगठनों के साथ साझा किया।
द गार्जियन और वाशिंगटन पोस्ट समेत 16 मीडिया संस्थानों की संयुक्त जांच में किए गए दावे के बाद पेगासस सॉफ्टवेयर से जासूसी कराए जाने के जिन्न ने भारत की सियासत में बवाल मचा दिया। इस बीच, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अपने उस दावे से यू-टर्न ले लिया है, जिसमें कहा था कि एनएसओ के फोन रिकॉर्ड का सबूत उनके हाथ लगा है, जिसे उन्होंने भारत समेत दुनियाभर के कई मीडिया संगठनों के साथ साझा किया।
Amnesty says it never claimed list was NSO: "Amnesty International has never presented this list as a 'NSO Pegasus Spyware List', although some of the world's media may have done so..list indicative of the interests of the company's clients" https://t.co/51U72HI9yF
h/t @ersincmt— Kim Zetter (@KimZetter) July 21, 2021
इस्राइली मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अब अपने दावे से यू-टर्न ले लिया है। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने अब कहा है, ”उसने कभी ये दावा किया ही नहीं कि यह सूची एनएसओ से संबंधित थी। एमनेस्टी इंटरनेशनल ने कभी भी इस लिस्ट को ‘एनएसओ पेगासस स्पाईवेयर सूची’ के तौर पर प्रस्तुत नहीं किया है। विश्व के कुछ मीडिया संस्थानों ने ऐसा किया होगा। यह लिस्ट कंपनी के ग्राहकों के हितों की सूचक है।”
एमनेस्टी ने कहा कि सूची में वो लोग शामिल हैं, जिनकी जासूसी करने में एनएसओ के ग्राहक रुचि रखते हैं। यह सूची उन लोगों की नहीं थी, जिनकी जासूसी की गई। रिपोर्ट के मुताबिक, एमनेस्टी ने कहा कि जिन खोजी पत्रकारों और मीडिया आउटलेट्स के साथ वे कार्य करते हैं, उन्होंने शुरू से ही बहुत स्पष्ट भाषा में साफ कर दिया है कि यह एनएसओ की लिस्ट ग्राहकों के हितों में है।’ सीधे अर्थों में इसका मतलब उन लोगों से है, जो एनएसओ ग्राहक हो सकते हैं और जिन्हें जासूसी करना पसंद है।
एमनेस्टी इंटरनेशनल ने किया था यह दावा…
फ्रांस के एक नॉन प्रॉफिट संस्थान फॉरबिडेन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल का दावा था कि वह मानवीय स्वतंत्रता और नागरिक समाज की मदद के लिए गंभीर खतरों का पता लगाने की कोशिश करता है और उनके जवाब ढूंढता है। इस वजह से उसने पेगासस के स्पायवेयर का फॉरेंसिक विश्लेषण किया।
एमनेस्टी इंटरनेशनल के मुताबिक, उसकी सिक्योरिटी लैब ने दुनिया भर के मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों के कई मोबाइल उपकरणों का गहन फॉरेंसिक विश्लेषण किया है। इस शोध में यह पाया गया कि एनएसओ ग्रुप ने पेगासस स्पाईवेयर के जरिए मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और पत्रकारों की लगातार, व्यापक, लगातार और गैरकानूनी तरीके से निगरानी की है। फॉरबिडेन स्टोरीज और एमनेस्टी इंटरनेशनल को एनएसओ के फोन रिकॉर्ड का सबूत हाथ लगा है, जिसे उन्होंने भारत समेत दुनियाभर के कई मीडिया संगठनों के साथ साझा किया है।