देहरादून : बाबा रामदेव की ओर से एलोपैथी को लेकर 25 सवाल जारी किए जाने के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) उत्तराखंड ने उन्हें लीगल नोटिस जारी किया है। एसोसिएशन ने कहा कि बाबा रामदेव एलोपैथी का ‘ए’ तक नहीं जानते। हम उनके सवालों के जवाब देने को तैयार हैं, लेकिन पहले वे अपनी योग्यता तो बताएं। उन्होंने कहा कि अगर बाबा 15 दिनों के भीतर माफी नहीं मांगेंगे तो उनके खिलाफ एक हजार करोड़ रुपये का मानहानि का दावा किया जाएगा।
IMA Uttarakhand sends a defamation notice of Rs 1000 cr to Yog Guru Ramdev. The notice states that if he doesn't post a video countering the statements given by him and tender a written apology within the next 15 days, then a sum of Rs 1000 crores will be demanded from him. pic.twitter.com/c7RlLInXi3
— ANI (@ANI) May 26, 2021
आईएमए उत्तराखंड के सचिव डा. अजय खन्ना ने कहा कि वे बाबा रामदेव से आमने-सामने बैठकर सवाल-जवाब करने को तैयार हैं। बाबा रामदेव को एलोपैथी के बारे में रत्ती भर भी ज्ञान नहीं है। इसके बावजूद वे पैथी और उससे जुड़े डॉक्टरों के खिलाफ अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इससे दिन रात मरीजों की सेवा में जुटे डॉक्टरों का मनोबल गिरा है। बाबा रामदेव हमेशा से बीमारियों और उनके इलाज को लेकर अवैज्ञानिक दावे करते रहे हैं। वे कैंसर का इलाज करने का दावा करते हैं। अगर ऐसा है तो उन्हें इस खोज के लिए नोबेल पुरस्कार दिया जाना चाहिए।
डा. खन्ना ने कहा कि रामदेव अपनी दवाएं बेचने के लिए लगातार झूठ फैला रहे हैं। बाबा ने कहा कि उन्होंने हमारे अस्पतालों में अपनी दवाओं का ट्रायल किया है। हमने उनसे पूछा कि उन अस्पतालों के नाम बताएं लेकिन वे नहीं बता पाए, क्योंकि उन्होंने ट्रायल किया ही नहीं। कोरोना के इलाज में जुटे डॉक्टरों के खिलाफ इस तरह की टिप्पणी से लोगों में भी बाबा के प्रति गुस्सा है। अपनी दवा बेचने के लिए वे टीवी में टीकाकरण से साइड इफेक्ट होने के विज्ञापन भी जारी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि अगर सरकार उनके खिलाफ महामारी एक्ट में कार्रवाई नहीं करेगी तो आईएमए हरिद्वार में उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराएगी।
हमने उनकी पद्धति को लेकर कभी कुछ नहीं कहा…
आईएमए सचिव डा. अजय खन्ना ने कहा कि हमने बाबा की पद्धति को लेकर कभी कोई सवाल नहीं उठाए। उनके उत्पादों को लेकर कभी कुछ नहीं कहा। वे अपनी पद्धति और दवाओं को लेकर ही बात करें तो बेहतर रहेगा। बाबा केवल अपने उत्पादों और दवाओं की बिक्री के लिए इस तरह का विवाद पैदा कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि कुछ समय पूर्व उन्हें किडनी की समस्या हो गई थी। किसी ने उन्हें बाबा रामदेव की दवा खाने की सलाह दी। कुछ समय दवा खाने से उनकी किडनी खराब हो गई। डायलिसिस के बाद भी जब कुछ सुधार नहीं हुआ तो उन्हें ट्रांसप्लांट कराना पड़ा। मैक्स अस्पताल में उनकी किडनी ट्रांसप्लांट की गई।
हमारी पैथी की भाषा बोल रहे बाबा…
डा. अजय खन्ना ने कहा कि बाबा के पास अपनी पैथी के शब्द तक नहीं हैं। जिस थायरॉयड, बीपी, शुगर, वेंटिलेटर की बाबा बात कर रहे हैं वे सब एलोपैथी के ही शब्द हैं। बाबा फैटी लीवर सिरोसिस या हाईपरटेंशन की बात तो कर रहे हैं लेकिन सच्चाई ये है कि उन्हें इनके बारे में एक शब्द की जानकारी नहीं है।