सीएम शिवराज का जनता के नाम संदेश, बोले कमलनाथ नया कुछ नहीं सब वही पुराना

कोरोना पर पुरानी बातें , पुराने निर्णय ,पुरानी घोषणाएं – पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ

भोपाल ।  मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रदेश की जनता के नाम दिए गए संदेश को कोरा भाषण बताते हुए कहा कि इस संदेश से प्रदेशवासियों को
उनके लिये राहत की अच्छी घोषणाओं की उम्मीद थी , कोरोना रोकथाम को लेकर किसी अच्छी कार्ययोजना के सामने आने की उम्मीद थी , उम्मीद थी कि संदेश में कुछ नया होगा लेकिन 45 मिनट के इस संदेश में कोरोना को लेकर वही पुरानी बातें , पुरानी घोषणाएं व पुराने निर्णय ही सामने आये , क्राईसेंस कमेटी के दायित्व व कामों पर ही यह पूरा संदेश केंद्रित रहा ?
नाथ ने कहा कि मुख्यमंत्री की वह घोषणा जिसमें उन्होंने अनाथ हुए बच्चों को सहारा देने की बात की है वह स्वागत योग्य है लेकिन यह सवाल भी उठ रहा है कि आखिर कई परिवार बेसहारा क्यों हुए , बड़ी संख्या में बच्चे अनाथ क्यों हुए ?
प्रदेश में हजारों लोगों को यदि समय पर इलाज मिल जाता , बेड मिल जाता , ऑक्सीजन मिल जाती ,जीवन रक्षक दवाइयाँ व इंजेक्शन मिल जाते , आवश्यक साधन व संसाधन मिल जाते तो कई परिवार आज बेसहारा होने से बचाये जा सकते थे , कई बच्चे अनाथ होने से बचाये जा सकते थे ? आखिर इसका दोषी कौन है ?
यह तो नरसंहार है , इसके दोषियों पर तो हत्या का मामला दर्ज होना चाहिए।
शिवराज जी खुद कहते हैं कि कोरोना से नियंत्रण में सबसे महत्वपूर्ण भूमिका वैक्सीनेशन की है लेकिन आज अपने संदेश में उन्होंने यह तो बताया कि प्रदेश को 5 करोड़ 29 लाख डोज़ की आवश्यकता है लेकिन यह कब आएंगे ,कब मिलेंगे ,कब लगेंगे इस पर उन्होंने आज कोई बात नहीं की ? टेस्टिंग बढ़ाने के बात तो वो कर रहे हैं लेकिन आज भी देश में सबसे कम टेस्टिंग मध्यप्रदेश में हो रही है ,ग्रामीण क्षेत्रों में तो यह बिल्कुल ही नहीं हो रही है , इसके कारण आज प्रदेश की यह स्थिति हुई है ?
कोरोना की दूसरी लहर के तीन माह बाद ,लाखों लोगों के संक्रमित हो जाने के बाद ,हजारों लोगों की जान जाने के बाद आज भी शिवराज जी कह रहे हैं कि प्रदेश में जून तक ऑक्सीजन प्लांट लगेंगे , हम मेडिकल स्टाफ की भर्ती शुरू करेंगे ?

नाथ ने कहा कि आज भी अपने संदेश में शिवराज जी ने किसानों की कर्ज अदायगी की तारीख को ही आगे बढ़ाया ,जबकि आज महामारी के इस संकट काल में सबसे बड़ी आवश्यकता किसानों की पूर्ण कर्ज माफी की है लेकिन आज भी कर्ज माफी नहीं करते हुए कर्ज अदायगी की तारीख को ही आगे बढ़ाया गया ?
संकट की इस घड़ी में किसानों को ,गरीब-मजदूर व श्रमिक वर्ग को व आमजन को बड़ी राहत मिलने की बड़ी उम्मीद थी लेकिन आज भी किसी के लिये कुछ नहीं ?

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