विपुल कनैया,राजनांदगांव :राजनांदगांव मानव सेवा व जनकल्याण के लिए समर्पित अंचल की सेवाभावी संस्था बर्फानी सेवाश्रम समिति ने वर्तमान में अंचल के साथ ही देश भर में पैर पसार चुकी कोरोना महामारी की दूसरी वेब के तेजी से आक्रमण को देखते हुए संस्था ने राज्य सरकार व जिला प्रशासन के निर्देशों व अपील के तहत 13 अप्रैल से प्रारंभ हुए चैत्र नवरात्रि पर्व को सादगी से मनाने का निर्णय लिया था। जिसके तहत संस्था ने सिद्धपीठ में दर्शनार्थियों के प्रवेश पर रोक लगा दी थी, वहीं अब महाष्टमी हवन व ज्योति कलश विसर्जन में भी श्रद्धालुओं से बर्फानी आश्रम न पहुंचते हुए अपने-अपने घरों में ही पूजा पाठ करने की अपेक्षा की है। संस्था ने जिला प्रशासन व पुलिस प्रशासन से सहयोग की अपेक्षा की है।
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि संस्था द्वारा संचालित गर्भगृह में विराजमान मां पाताल भैरवी राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या द्वादश ज्योर्तिलिंग शिव-शक्ति सिद्धपीठ में हिन्दू नववर्ष चैत्र नवरात्र 13 अप्रैल से प्रारंभ हो गई है। अंचल सहित देश में फैले कोरोना वायरस के चलते इस महामारी से बचाव हेतु शासन व प्रशासन स्तर पर जनहानि से बचाने समय-समय पर दिशा-निर्देश व आदेश दिए जा रहे और आमजन से अपील है कि लाकडाउन के तहत घर में ही रहने की अपेक्षा की गई है। जिसे देखते हुए संस्था ने सिद्धपीठ परिसर में श्रद्धालुओं के प्रवेश पर रोक लगा दी है।
चैत्र नवरात्र के अवसर पर सिद्धपीठ में पूजा अर्चना व ज्योति कलश प्रज्जवलन आचार्यों द्वारा किया गया है यहां 1237 ज्योति कलश प्रज्जवलित है। कल 17 अप्रैल को पंचमी के अवसर पर विशालकाय मां पाताल भैरवी, मां काली, गणेश जी महाराज, मां राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी दश महाविद्या, पातालेश्वर महादेव, शिव शंकर भोले भण्डारी द्वादश ज्योतिर्लिंग, हनुमान जी महाराज, भैरव बाबा का विशेष श्रृंगार किया गया।
संस्था के अध्यक्ष राजेश मारू, उपाध्यक्ष दीपक जोशी, सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू, कोषाध्यक्ष नीलम जैन, महेन्द्र लूनिया, बलविंदर सिंह भाटिया, मनीष परमार, कुलबीर छाबड़ा, संजय खंडेलवाल, कमलेश सिमनकर सूरज जोशी, लीलाधर सिंह, आलोक जोशी व अन्य सदस्यों ने वर्चुवल बैठक कर निर्णय लिया कि महाष्टमी हवन व ज्योति कलश विसर्जन पर श्रद्धालु बर्फानी आश्रम न पहुंचे, घर में ही पूजा अर्चना करें। संस्था द्वारा महाष्टमी हवन सूक्ष्म रूप से पंडितों व संस्था के पांच सदस्यों द्वारा किया जाएगा। जिसमें कोरोना महामारी वायरस से सभी देशवासी व मानव जाति सुरक्षित व स्वस्थ रहे व यह संकट जल्द ही समाप्त हो ऐसी माता व देवी देवताओं, ग्रह-नक्षत्रों से कामना की जाएगी। वहीं दुर्गा नवमीं के अवसर पर श्रद्धालुओं द्वारा प्रज्जवलित ज्योतिकलशों का विसर्जन मंत्रोच्चार के मध्य विधि विधान से गंगाजल अर्पित कर किया जाएगा। इसके लिए भी श्रद्धालु बर्फानी आश्रम न पहुंचे। अपने परिवार व देश की सलामती के लिए घर से न निकले, घर में रहकर राष्ट्रभक्ति का परिचय देंवे।
संस्था ने एक महत्वपूर्ण निर्णय लेते हुए रामनवमीं, दुर्गा नवमीं में होने वाले कुंवारी कन्या भोजन व सार्वजनिक भंडारा प्रसाद कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है और श्रद्धालुओं को विश्वास दिलाया है कि हम समस्त देशवासी कोरोना को हराकर देश को स्वस्थ और सुरक्षित रखने में अपना योगदान देंगे।
पंडित घर में ही कर रहे पाठ, मिलेगी पूरी दक्षिणा…
संस्था के सचिव गणेश प्रसाद शर्मा गन्नू ने बताया कि मां पाताल भैरवी सिद्धपीठ में आयोजित किए जा रहे चैत्र नवरात्रि के अवसर पर सिद्धपीठ स्थापना से आचार्य का कार्य करने वाले पं. श्री कृष्णकांत तिवारी से आग्रह किया गया है कि वे लकवाग्रस्त हैं, ऐसे समय उन्हें सावधानी की जरूरत है। इस कारण घर पर ही रहकर देवी का पाठ-पूजन करें। उन्हें हर नवरात्रि में दी जाने वाली दक्षिणा इस बार भी संस्था द्वारा भेंट की जाएगी।