हांगकांग : जापान के साथ जारी सीमा विवाद के बीच चीन ने दक्षिण चीन सागर में एक और गतिरोध पैदा कर दिया है। उसने संयुक्त रूप से सभी देशों के इस्तेमाल में आने वाले समुद्री किनारों पर अपनी मछली पकड़ने वाली नौकाओं के झुंड और विध्वंसक चीनी नागरिक सेना को तैनात कर दिया है। यह इलाका फिलीपींस की समुद्री सीमा से लगता हुआ है जहां चीन अपने क्षेत्र होने का दावा करता रहा है।
बता दें कि इन समुद्री किनारों और व्हिट्सन टापू के पास चीन ने मार्च की शुरुआत में ही करीब 220 जहाजों को जुटा लिया था। यह क्षेत्र फिलीपींस के 200 नॉटिकल मील आर्थिक क्षेत्र के बेहद नजदीक है। फिलीपींस के राष्ट्रीय रक्षा सचिव डेल्फिन लोरेंजाना ने रविवार को इसका विरोध किया है और अमेरिका इस मुद्दे पर उसका साथ भी दे रहा है। लेकिन इसी दौरान चीन की मछली पकड़ने वाली नौकाओं ने नुआ सी जिओ (व्हिट्सन द्वीप का चीनी नाम) में शरण ले ली है।
ऐसे में ये नौकाएं और जहाज सामान्य अभ्यास करते दिखाई दे रहे हैं। आशंका है कि इस क्षेत्र को चीन तर्कसंगत तरीके से अपने काबू में करने की कोशिश कर रहा है। फिलीपींस के रक्षा सचिव ने इसे चीन की एक खतरनाक कार्रवाई बताते हुए कहा है कि यह हमारे देश और अंतरराष्ट्रीय कानून के संप्रभु अधिकारों का सीधा उल्लंघन है।
आशंका : कब्जा करने की तैयारी
इससे पहले 2012 में चीन ने फिलीपींस से स्कारबोलो शोल पर कब्जा कर लिया था। तभी से फिलीपींस ने इस इलाके पर अर्धसैनिक मौजूदगी बढ़ा दी है जबकि अमेरिका ने भी उसे समर्थन दिया है। चीन ने यहां स्प्रैटली द्वीप समूह के सात इलाकों पर भी कब्जा किया हुआ है। ऐसे में आशंका है कि इस क्षेत्र में भी चीन कब्जा करने की तैयारी कर चुका है।
पूर्वी सागर में चीन ने तैनात किए फ्रिगेट, डिस्ट्रायर, माइन स्वीपर
दक्षिण चीन सागर के अलावा पूर्वी सागर में भी चीन के ‘लियाओनिंग’ नामक विमान वाहक जंगी जहाज समूह ने गश्त की। यहां 5 जंगी जहाजों के साथ पहुंचे इस समूह ने ओकिनावा के दक्षिण-पश्चिम में मियाको क्षेत्र में गश्त की। इसके बाद से जापान ने भी अपनी नौसेना और वायुसेना को अलर्ट पर रख दिया है। चीन ने पहली बार जापान के इतना करीब अपने जंगी जहाजों को भेजा है।
दावा है कि जापान इस क्षेत्र में फ्रांस, अमेरिका, जर्मनी और ऑस्ट्रेलिया के साथ लगातार युद्धाभ्यास कर रहा है। इसलिए चीन ने चिढ़कर विमान वाहक पोतों को पूर्वी चीन सागर में तैनात किया है। इस चीनी जहाज समूह में फ्रिगेट, डिस्ट्रायर, माइन स्वीपर और कॉम्बेट सपोर्ट शिप शामिल हैं। जापान सेल्फ डिफेंस फोर्स ने खुद इस घुसपैठ की रिपोर्ट को जारी किया है। जापान ने मियाको क्षेत्र से चीन के ‘शानक्सी’ पेट्रोलिंग एयरक्राफ्ट की उड़ान का भी पता लगाया है।
जापान पर कूटनीतिक दबाव
अमेरिका में चीनी सुरक्षा मामलों के एक विशेषज्ञ बेन लॉसन ने कहा कि चीनी रणनीतिकार इस समुद्री मार्ग को उसके खिलाफ बनाई जा रही फर्स्ट आईलैंड शृंखला की काट के रूप में अहम मानते हैं। विमान वाहक पोत लियाओनिंग की गश्त वैश्विक कानून के तहत सही है, लेकिन बीजिंग खुले समुद्र में अपने जंगी जहाजों के समूह को तैनात कर जापान पर दबाव की कूटनीति के मकसद से आक्रामक नीति अपना रहा है। बता दें कि चीन और जापान में पूर्वी सागर के सेनकाकू समेत अन्य निर्जन द्वीपों को लेकर लंबे समय से पहले ही तनाव चला आ रहा है।