वाशिंगटन : पृथ्वी के करीब से तेज गति के साथ उल्कापिंड 2001 एफओ 32 गुजर गया। अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के अनुसार, चट्टान जैसा यह उल्कापिंड 1,24000 किमी. प्रतिघंटे की रफ्तार से गुजरा और पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं हुआ है।
इटली के सिकानो स्थित वर्चुअल टेलिस्कोप प्रोजेक्ट की एस्ट्रोफिजिसिस्ट गियानलुका मसी ने टेलिस्कोप के जरिए इस तेज गति से गुजर रहे उल्कापिंड की पहचान की। मसी द्वारा लिए गए वीडियो और तस्वीरों में उल्कापिंड चमकीली वस्तु की तरह दिख रहा है।
उन्होंने बताया कि उल्कापिंड तेज गति से सूरज की तरफ बढ़ रहा था लेकिन मंगल की तरफ रुख करने के बाद उसकी गति धीमी हो गई। ये उल्कापिंड पृथ्वी का चक्कर मारने में 810 दिन लगाता है। दुनिया के अलग-अलग देशों में ये रविवार शाम को करीब चार बजे देखा गया।
वहीं भारतीय समयानुसार, ये रात करीब 9:30 बजे पृथ्वी के करीब से गुजरा। इस उल्कापिंड की खोज मार्च 2001 में हुई थी। अब ये वर्ष 2052 तक पृथ्वी के करीब नहीं आएगा।