सदन में गूंजा अवैध रेत उत्खनन और वन्य प्राणी ​शिकार का मामला..विपक्ष ने लगाया सत्ता पक्ष के संरक्षण में अवैध कार्य का आरोप

रायपुर: विधानसभा की कार्यवाही जारी है, आज सदन में पूर्व सीएम रमन सिंह ने कि नियम कायदों को ताक पर रखा जा रहा है हाल ये है कि अवैध रेत उत्खनन की वजह से शिवनाथ नदी की दिशा बदल रही है। पुलिस-प्रशासन के संरक्षण में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है, सारे शराब के गुंडे रेत पर उतर चुके हैं, इस विषय पर चर्चा होनी चाहिए। वहीं जनता कांग्रेस के धर्मजीत सिंह ने कहा सरकारी संरक्षण में सत्ता पक्ष के लोग रेत का अवैध उत्खनन कर रहे हैं, रेत के नाम पर जंगलराज कायम हो गया है, शराब माफिया पहले से सक्रिय हैं, अधिकारी ट्रांसफर के डर से उन्हें कुछ नहीं बोलते। वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि अवैध उत्खनन को प्रोत्साहित करने के लिए टेंडर की प्रक्रिया की गई है, पूरे प्रदेश में रेत का अवैध उत्खनन हो रहा है, अधिकारी की हिम्मत नहीं है कि घाट पर जाकर कार्रवाई करे। गांव वालों के खिलाफ माफिया बर्बरता पूर्वक व्यवहार कर रहे हैं।

इस पर आसंदी ने स्थगन की सूचना को विचाराधीन रखा, जिसके बाद असंतुष्ट विधायकों ने सदन में जमकर नारेबाजी की, नारेबाजी के बीच आसंदी ने व्यवस्था दी कि किसी न किसी माध्यम से इस विषय पर चर्चा कराई जाएगी।

विधानसभा में ध्यानाकर्षण पर वन्य प्राणी का अवैध शिकार किये जाने का मामला सदन में उठा, पूर्व सीएम डॉ.रमन सिंह ने ये मामला उठाते हुए कहा कि 24 फरवरी को मादा तेंदुए का शव मिला, जिसमें कई कीमती अंग गायब हैं, इससे शिकार की आशंका है, अवैध शिकार से लोगों में नाराजगी है। जिस पर वन मंत्री मो.अकबर ने कहा गंडाई में एक तेंदुआ मृत मिला था, सूचना मिलने के बाद अधिकारी घटना स्थल पर पहुंचे थे, प्रकरण की गंभीरता को देखते हुए वन अपराध प्रकरण दर्ज किया गया है, तेंदुए का शव पोस्टमार्टम किया गया। माथे की चमड़ी और सामने के दो पैर गायब थे, अपराध में शामिल चार लोगों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों से मादा तेंदुए के माथे की चमड़ी और पैर बरामद किया गया है, आरोपियों के खिलाफ वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई है।

वहीं रमन सिंह ने कहा- यह ऐसा क्षेत्र है जो भोरमदेव वन अभ्यारण, मध्यप्रदेश में कान्हा किसली के क्षेत्र से लगा हुआ है, यह टाइगर कॉरिडोर का हिस्सा है, इस मामले में ग्रामीणों ने शिकायत की तो यह प्रकरण सामने आ गया। अंतरराज्यीय गिरोह जो छत्तीसगह, महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के सीमावर्ती इलाकों से सक्रिय हैं, क्या उन पर कार्रवाई की क्या तैयारी है? डीएफओ, एसडीओ जैसे वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई होगी? यदि अधिकारियों पर कठोर कार्रवाई नहीं होगी तो यह संदेश जाएगा कि इसे विभाग संरक्षण दे रहा है?

मंत्री अकबर ने कहा यह कॉरिडोर का हिस्सा नहीं है, अवैध शिकार रोकने हर संभव कार्रवाई की जा रही है, सतत निगरानी चल रही है, रमन सिंह ने कहा- पोस्टमार्टम रिपोर्ट ही पर्याप्त है ये बताता है कि षड्यंत्र पूर्वक इस तेंदुए का शिकार किया गया।

वहीं नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा पूरे प्रदेश में वन्य प्राणियों का अवैध शिकार हो रहा है, हाथियों को भी करंट लगाकर मारा गया, वन्य प्राणियों के अवैध शिकार को रोकने और अंतरराष्ट्रीय तस्करों तक पहुंचने के लिए विभाग ने क्या कार्रवाई की है? जिस पर वन मंत्री मो.अकबर ने कहा कि एक भी प्रकरण ऐसा नहीं है जिसमें आरोपियों के विरुद्ध कार्रवाई नहीं हुई, अंतर्राज्यीय स्तर पर समन्वय बनाने पर हम विचार कर लेंगे।

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