असम : पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में विधानसभा चुनाव का शंखनाद हो चुका है। पार्टियों ने अपनी पूरी ताकत के साथ चुनाव प्रचार को तेज कर दिया है। इसके साथ ही एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगाने का दौर भी शुरू हो गया है। सभी लोगों को अपने पक्ष में करने की कोशिश कर रहे हैं। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बंगाल के मालदा में रैली करेंगे। यहां विधानसभा की 12 सीटे हैं और लगभग 50 फीसदी मतदाता मुस्लिम हैं। वहीं कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं के चाय बागान में चाय की पत्तियों को तोड़ा।
#WATCH Assam: Congress General Secretary Priyanka Gandhi Vadra plucks tea leaves with other workers at Sadhuru tea garden, Biswanath. pic.twitter.com/8jpQD8IHma
— ANI (@ANI) March 2, 2021
असम: चाय बागान के मजदूरों से मिलीं प्रियंका गांधी वाड्रा, माथे पर टोकरी लगाकर तोड़ी पत्तियां
कांग्रेस और आईएसएफ के साथ मतभेद दूर करने का प्रयास जारी: वाम मोर्चा
वाम मोर्चा ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के मद्देनजर, कांग्रेस तथा अब्बास सिद्दीकी की पार्टी आईएसएफ के साथ सीटों के बंटवारे को लेकर मतभेद दूर करने का प्रयास कर रहा है। वाम मोर्चा अध्यक्ष बिमान बोस ने कहा कि मुद्दों को सुलझाने के लिए तीनों पक्षों के बीच बातचीत होगी।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने एक प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि उनकी पार्टी और वाम मोर्चा के बीच सीटों के बंटवारे को लेकर शुरू में बातचीत हुई थी लेकिन बाद में आईएसएफ के आने के बाद समीकरण बदल गए हैं।
भाजपा ने मंत्रियों पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया
भाजपा ने भारत निर्वाचन आयोग को पत्र लिखकर पश्चिम बंगाल के दो मंत्रियों पर आचार संहिता उल्लंघन का आरोप लगाया और चुनाव आयोग से उनके चुनाव लड़ने पर रोक लगाने का अनुरोध किया है। पत्र में कहा गया है कि राज्य में 27 फरवरी को आचार संहिता लागू होने के बाद अलग अलग मौकों पर इन मंत्रियों ने मतदाताओं से लुभावने वादे किए। हालांकि तृणमूल कांग्रेस ने इस बात से इनकार किया है कि उसके नेताओं ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन किया और भाजपा पर ईसीआई को प्रभावित करने की कोशिश का आरोप लगाया।
आनंद शर्मा ने आईएसएफ के साथ कांग्रेस के गठबंधन की आलोचना की
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने पश्चिम बंगाल में मुस्लिम धर्मगुरु अब्बास सिद्दीकी के नेतृत्व वाले इंडियन सेक्युलर फ्रंट (आईएसएफ) के साथ पार्टी के गठजोड़ की आलोचना करते हुए कहा कि यह पार्टी की मूल विचारधारा तथा गांधीवादी और नेहरूवादी धर्मनिरपेक्षता के खिलाफ है। हालांकि प्रदेश कांग्रेस प्रभारी जितिन प्रसाद ने कहा कि गठबंधन के फैसले पार्टी के हितों को ध्यान में रख कर लिए जाते हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री शर्मा पार्टी के उन 23 नेताओं में शामिल हैं जिन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखकर पार्टी में संगठनात्मक बदलाव की मांग की थी।