नई दिल्ली : देश में पिछले एक साल से कोरोना वायरस का कहर जारी है। देश में एक बार फिर कोरोना संक्रमण का ग्राफ चढ़ने लगा है। पिछले कई दिनों से कोरोना के दैनिक मामलों में बढ़ोतरी जारी है। देश में पिछले 24 घंटे में कोरोना के 16,488 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इस अवधि में कोरोना वायरस से 113 लोगों की जान चली गई। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी दी। जानें दोबारा क्यों बढ़ रहा कोरोना का कहर…
India reports 16,488 new #COVID19 cases, 12,771 discharges and 113 deaths in the last 24 hours, as per the Union Health Ministry
Total cases: 1,10,79,979
Total discharges: 1,07,63,451
Death toll: 1,56,938
Active cases: 1,59,590Total Vaccination: 1,42,42,547 pic.twitter.com/x57FSp6BLK
— ANI (@ANI) February 27, 2021
देश में वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के नए मामलों और सक्रिय मामलों में लगातार बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इससे निपटने के लिए केंद्र सरकार और राज्य सरकारों की ओर से कई कदम उठाए जा रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से शनिवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, बीते 24 घंटों में कोरोना वायरस से संक्रमण के 16,488 नए मामले दर्ज किए गए हैं। इसी के साथ देश में संक्रमण के कुल मामले बढ़कर 1,10,79,979 पहुंच गए हैं। वहीं पिछले 24 घंटों में कोरोना की वजह से 113 मरीजों की मौत हो गई, जिसके चलते देश में कोरोना से जान गंवाने वालों की कुल संख्या 1,56,938 हो गई हैं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 12,771 कोरोना मरीज स्वस्थ हो गए हैं। इसी के साथ देश में अब तक 1,07,63,451 मरीज कोरोना वायरस को मात देने में सफल रहे हैं। रोजाना आधार पर दर्ज होने वाले नए कोरोना केसों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या घट गई है। इससे कोरोना के सक्रिय मामलों में बढ़ोतरी दर्ज की जा रही है। इससे पहले, कोरोना संक्रमण के नए मरीजों की तुलना में ठीक होने वाले मरीजों की संख्या अधिक होती थी। देश में फिलहाल कोरोना के सक्रिय मामले 1,59,590 हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक, देश में 1,42,42,547 लोगों को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है।
ये पांच कारण जिनसे बिगड़ी स्थिति…
विशेषज्ञ मान रहे हैं कि जांच में कमी, नया स्ट्रेन व टीकाकरण में देरी समेत पांच ऐसे कारण हैं, जो काबू में आई महामारी की स्थिति को फिर से बिगाड़ रहे हैं। इस पर सरकार को तुरंत कदम उठाना होगा।
कोरोना जांच में कमी…
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद के डाटा के मुताबिक, पिछले साल सितंबर में देश में हर दिन दस लाख से ज्यादा नमूनों की कोविड-19 जांच की जा रही थी। लेकिन इस साल फरवरी आते-आते देश में जांच में कमी की गई है। अब हर दिन छह से आठ लाख नमूनों की ही जांच हो रही है। बीते चौबीस घंटों में भी देश में 8,31,807 नमूनों की जांच हुई। देश में अबतक कुल 21,46,61,465 नमूनों की जांच हो चुकी है।
पॉजिटिविटी दर में वृद्धि…
देश में रोजाना होने वाली कोरोना जांच की दर घट जाने के बावजूद नमूनों के पॉजिटिव होने की दर पांच प्रतिशत से अधिक बनी हुई है। यह स्थिति बताती है कि जरूरत से कम जांचें हो रहीं हैं और जितनी जांचें हो रही हैं, उनमें पॉजिटिव केसों की पुष्टि की दर अधिक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन मानता है कि किसी भी देश की जांच पॉजिटिविटी दर लगातार दो सप्ताह तक पांच प्रतिशत या इससे कम होनी चाहिए तब ही संक्रमण पर नियंत्रण किया जा सकता है।
कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन का कहर…
केंद्र सरकार के मुताबिक, ब्रिटेन में मिले कोरोना के नए स्ट्रेन के देश में 180 से ज्यादा केस दर्ज किए गए हैं। इसके अलावा दक्षिण अफ्रीका और ब्राजील से दुनिया के दूसरे हिस्सों में फैले वायरस के एक और नए स्ट्रने के भी मामले दर्ज किए गए हैं। हाल में देश में कोरोना का एक नया संस्करण भी पाया गया, लेकिन संक्रमण के पीछे इस वायरस के होने की पुष्टि सरकार ने नहीं की है। अशोका विश्वविद्यालय के महामारी विशेष शाहिद जमील का कहना है कि संक्रमण के चरम से देश के उबर जाने का मतलब यह नहीं है कि भारत दूसरी संभावित लहर से सुरक्षित है।
कोरोना बचाव संबंधी नियमों में लापरवाही…
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ मानते हैं कि दिसंबर-जनवरी में देश में कोरोना संक्रमण घटा, जिसके बाद लोग लापरवाही बरतने लगे। यही कारण है कि महाराष्ट्र समेत पांच राज्यों में संक्रमण के मामले बढ़ गए हैं। विशेषज्ञों का कहना है कि भारतीयों को पिछले महीने घटे संक्रमण को लेकर अति उत्साहित नहीं होना चाहिए क्योंकि ऐसे बहुत से लोग हो सकते हैं, जिनके शरीर में बिना लक्षण वाला कोरोना संक्रमण हो। इसलिए लापरवाही न बरती जाए।
टीकाकरण की गति धीमी…
ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा संचालित आवर वर्ल्ड इन डाटा के मुताबिक, भारत प्रति सौ लोगों में मात्र एक को टीका लगा रहा। जबकि ब्रिटेन में हर सौ लोगों पर 27 और अमेरिका 19 लोगों को टीका लग रहा है। भारत का लक्ष्य जुलाई तक 30 करोड़ लोगों को टीका लगाना है, जिसमें वह काफी पीछे है। अभी तक देश में कुल 1,42,42,547 लोगों को ही टीका लगा है जबकि मार्च के अंत तक देश में 3 करोड़ को टीका लगना है। एक मार्च से देश में 27 करोड़ बुजुर्ग व गंभीर मरीजों को टीका लगाया जाना है। भारत सरकार के आंकड़े बताते हैं कि देश में टीकाकरण के हर सेशन में लक्ष्य की तुलना में 35 प्रतिशत ही टीकाकरण हुआ।