रायपुर: छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र के पांचवे दिन सदन में प्रश्नकाल के दौरान नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने सदन में किसानों की आत्महत्या का मसला उठाया। पूछा गया था कि प्रदेश में बीते 10 माह के भीतर कितने किसानों ने आत्महत्या की, इसके पीछे वजह क्या थी, उन किसानों के परिवार वालों को मुआवजा राशि दी गई या नहीं? और दी गई तो कितनी राशि? इसके जवाब में कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने बताया कि 10 माह के भीतर प्रदेश के 141 किसानों ने खुदकुशी की है। मौतों के आंकड़ों को लेकर विपक्ष ने कृषि मंत्री चौबे और सत्तापक्ष को घेरने की जोरदार कोशिश की। इस बीच मुआवजा को लेकर किसी तरह का जवाब सामने नहीं आया। बल्कि यह कहा गया कि किसानों ने नशे की हालत में और मानसिक विकार की वजह से आत्महत्याएं की है।
इस पर सदन में विपक्ष भड़क उठा और सत्तापक्ष पर किसानों को नशेड़ी व गंजेड़ी बताकर अपमानित करने का आरोप लगाते हुए जोरदार हंगामा किया। विपक्ष की इस कोशिश पर सत्तापक्ष की ओर से कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने भावनात्मक पहलुओं को जोड़ते हुए कहा कि विपक्ष किसानों की मौत का मजाक उड़ा रही है और उस पर राजनीति करने का प्रयास कर रही है। कृषि मंत्री ने इसे दुर्भाग्यजनक बताया।
किसान की मौत…पटवारी के निलंबन का मामला गरमाया।
प्रदेश में किसानों की मौत को लेकर उपजे सवाल के बीच भाजपा के वरिष्ठ नेता चंपू साहू के गांव में एक किसान की मौत के बाद पटवारी के निलंबन का मामला जोरदार तरीके से गरमाया। मामले पर जवाब देने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को उठना पड़ा, लेकिन विपक्ष के सदस्य शांत नहीं हुए और उन्होंने सदन से वाॅक आउट कर दिया।