रायपुर : श्री श्वेतांबर तेरापंथ के शांतिदूत आचार्य श्री महाश्रमण करीब 100 साधु साध्वियों के साथ रविवार 14 फरवरी को राजधानी रायपुर पहुंचे। सकल जैन समाज के लोगों ने माना बस्ती से लेकर एयरपोर्ट के समीप स्थित जैन मानस भवन तक स्वागत का सिलसिला चलता रहा। उनके दर्शन करने अन्य शहरों से आए श्रद्धालु उमड़ पड़े। इसके बाद मानस भवन में हुए अभिनंदन समारोह में राज्यपाल महामहिम अनुसुइया उइके समेत अन्य जनप्रतिनिधियों ने चरण स्पर्श कर आशीर्वाद लिया।
आचार्यश्री के संदेशों को अपनाकर निश्चित ही प्रदेश में सुख, शांति और नशा मुक्ति का माहौल बनेगा- राज्यपाल सुश्री अनुसईया उइके
आचार्यश्री ने हर व्यक्ति से किसी भी तरह का नशा नहीं करने का संदेश दिया। साथ ही सरकार से अपील की है कि कि छत्तीसगढ़ को नशामुक्त करने के लिए शराब पर प्रतिबंध लगाए। राज्यपाल ने आचार्यश्री के छत्तीसगढ़ आगमन को ऐतिहासिक अवसर बताते हुए कहा कि उनके संदेशों को अपनाकर निश्चित ही प्रदेश में सुख, शांति और नशा मुक्ति का माहौल बनेगा।
साल 2014 में दिल्ली से निकली अहिंसा यात्रा नेपाल, कोलकाता, हैदराबाद से होते हुए गत दिनों छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में पहुंची थी। कोंडागांव, कांकेर, धमतरी से शनिवार को राजधानी के माना में पड़ाव हुआ था। रविवार को सुबह 10 बजे आचार्य श्री माना से विहार करते हुए एयरपोर्ट के पास मानस भवन आए। मर्यादा महोत्सव आयोजन समिति के अध्यक्ष महेंद्र धाड़ीवाल, महासचिव नरेंद्र दुग्गड़ व कोषाध्यक्ष मोतीलाल वैद ने बताया कि आचार्य श्री महाश्रमण का पहली बार रायपुर आगमन हुआ है।
अहिंसा ,सदभावना नशा मुक्ति नैतिकता को लेकर यात्रा की शुरूआत 2014 में दिल्ली से की थी। 2015 में यह यात्रा विराट नगर नेपाल से होते हुए 2016 में असम गुवाहाटी पहुंची, 2017 में कोलकाता पश्चिम बंगाल, 2018 चेन्नई तमिलनाडु, 2019 बंगलुरु, कर्नाटक, 2020 हैदराबाद तेलंगाना से होते हुए 2021 में छत्तीसगढ़ पहुंची है। यात्रा महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश से विहार करते हुए राजस्थान के भीलवाड़ा में संपन्न होगी।
16 फरवरी से 157 वें मर्यादा महोत्सव में प्रदेश भर से हजारों श्रद्धालु होंगे शामिल ।
16 फरवरी सोमवार से शुरू होने वाले 157 वें मर्यादा महोत्सव में प्रदेश भर से हजारों श्रद्धालु शामिल होंगे। उल्लेखनीय है कि अहिंसा, सदभावना और नशा मुक्ति को लेकर आचार्य श्री महाश्रमण भूटान और नेपाल सहित देश के अनेक राज्यों की 50 हजार किलोमीटर की यात्रा दंतेवाड़ा जिले के दही मोंगरा गांव में पूरी करने के पश्चात रविवार को विहार करते हुए रायपुर जैनम मानस भवन में पहुंचे हैं। मर्यादा महोत्सव के बाद इसके आगे महाराष्ट्र रवाना होंगे।
कोविड-19 के शासन के दिशा निर्देशों के तहत प्रोजेक्टर से प्रसारण किया जा रहा है। मुख्य हॉल केे अलावा उसी से लगे एक विशाल डोम का निर्माण किया गया है, जहां श्रद्धालुजन बड़े एलसीडी स्क्रीन पर आचार्य श्री की वाणी का श्रवण आगामी महोत्सव तक कर सकेंगे।
पदयात्रा की प्रदर्शनी…
इसके अलावा तेरापंथ कन्या मंडल द्वारा मुख्य डोम के पास आचार्यश्री की 50 हजार किलोमीटर की अहिंसा, सदभावना और नशा मुक्ति यात्रा का सजीव चित्रण कलाकृति के माध्यम से किया गया है। आचार्य श्री महाश्रमण ने वर्ष 2014 में दिल्ली से इस यात्रा की शुरूआत की थी। जैसे-जैसे यात्रा आगे बढ़ते गई और जिन स्थानों से होकर गुजरी उसको चित्रों में दर्शाया गया है। इस आर्ट गैलरी की विशेषता यह है कि इसमें मोहन से मुदित और मुदित से आचार्य महाश्रमण तक के फोटो प्रदर्शित किए गए हैं, जिनमें आचार्य श्री के माता-पिता और उनकी बचपन की फोटो का संग्रहण है।
निश्शुल्क स्वास्थ्य शिविर…
परिसर में आयोजन समिति के द्वारा स्वास्थ्य का डोम भी बनाया गया है, जहां निश्शुल्क स्वास्थ्य सेवा उपलब्ध रहेगी। यहां पर महिला और पुरूष दोनों ही डाक्टरों की सेवाएं प्राप्त हो सकेंगी। इसके अलावा यहां पर दो एंबुलेंस की व्यवस्था भी की गई है, ताकि किसी को यदि मेडिकल इमरजेंसी की आवश्यकता हुई तो उसे तत्काल अस्पताल ले जाया जा सके।