गेम का किरदार बन टास्क पूरा करने घर से निकला बच्चा,..और फिर

हीरानगर : मोबाइल गेम का किरदार बन एक 13 साल का बच्चा घर से निकल गया। बच्चे के लापता होने पर पूरे इलाके में सनसनी मच गई। शिकायत पर पुलिस ने हीरानगर में दयालाचक के रहने वाले बच्चे को लापता होने के साढ़े पांच घंटे बाद कठुआ के सकताचक इलाके में हाईवे पर पकड़ा। पूछताछ में पता चला कि यह बच्चा मोबाइल गेम जीटीए वाइस सिटी के किरदार माइकल के टास्क पूरे करने निकला था। चौंकाने वाली बात है कि बच्चे ने रास्ते में साइकिल भी ली और टास्क के तहत एनर्जी बढ़ाने के लिए चिप्स भी खाए। कहानी में यह खेल किरदार को मौत के मुंह में ले जा सकता है।

पुलिस के अनुसार दयालाचक से 13 साल का बच्चा सुबह आठ बजे घर से दही लेने निकला था। वापस नहीं आया तो घरवालों ने पुलिस को सूचित किया। बच्चे को ढूंढने के लिए दो टीमें गठित की गईं। आखिरकार इस बच्चे को सकताचक के पास हाईवे पर दोपहर करीब 1.30 खोज लिया गया।एसडीपीओ बॉर्डर सचित महाजन ने बताया कि बच्चा जीटीए वाइस सिटी नाम की गेम का आदि हो चुका था। वह उस गेम के एक किरदार माइकल को निभाने के लिए घर से निकला।

उसने चड़वाल में जिम के सामने से एक साइकिल भी ली। खेल में बताए मिशन के तहत उसने एनर्जी लो होने पर रिफ्रेंशमेंट के तौर पर रास्ते में खरीदकर चिप्स भी खाए। एसडीपीओ के अनुसार सुबह 10.30 बजे बच्चे के लापता होने की सूचना मिली थी।

पुलिस ने बच्चे को किसी अनहोनी से पहले ही सकताचक के पास से ढूंढ लिया। बच्चे को बाद में परिजनों के हवाले कर दिया गया। एसडीपीओ ने कहा कि अभिभावक बच्चों के स्क्रीन टाइम और उस पर वह क्या देख रहे हैं, इस पर नजर रखें।

पिछले एक वर्ष से पढ़ाई ऑनलाइन चल रही है। बच्चों का स्क्रीन टाइम बहुत बढ़ गया है। इस पर अभिभावक यदि बच्चों पर नजर नहीं रख रहे तो आभासी दुनिया की आदत घातक सिद्ध हो सकती है। घर में ही रहने और गेम की लत में बच्चे बाकी लोगों से मिलना जुलना कम कर देते हैं। वे मोबाइल गेम से इतना जुड़ जाते हैं कि खुद को भी उसका हिस्सा मानने लगते हैं। गेम में मिलने वाले निर्देश बच्चे असल जिंदगी समझने लगते हैं। अभिभावकों को गंभीरता के साथ स्क्रीन टाइम की निगरानी करनी चाहिए।
-डॉ मुकुल उब्बट, जिला मेंटल हेल्थ प्रोग्राम अधिकारी

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