फसल हमेशा खेतों में उगती आई… बीज ‘फूट’ का घर-घर किसने बोया…

शंकर पांडे ( वरिष्ठ पत्रकार )        

जो लोग उत्तरप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री कल्याण सिंह द्वारा सर्वोच्च न्यायालय में हलफनामा देकर अयोध्या में विवादित ढांचा गिराने पर मर्यादा की परवाह नहीं करते थे वे आज किसानों की वादा खिलाफी पर सवाल उठा रहे हैं, किसानों की दिल्ली में ट्रैक्टर रैली के दौरान कुछ लोग लाल किले के ऊपर चढ़ गये और एक व्यक्ति ने लालकिले के एक खाली डंडे पर किसान संगठन का झंडा जिसमें ‘निशान साहब’ का एक धार्मिक चिन्ह था उसे लगा दिया और उसके बाद हंगामा बरपा है। तिरंगा तो लाल किले में ऊपर फहरा ही रहा था उसके नीचे कोई भी दूसरा झंडा लगाने से तिरंगे का अपमान नहीं होता है…। फिर भी यह कृत्य जिसने भी जानकर या अनजाने में किया उसकी निंदा की जानी चाहिये पर एक व्यक्ति विशेष, एक राजनीतिक पार्टी की विचारधारा से प्रभावित के इस कृत्य को लेकर पूरे किसान आंदोलन पर ऊंगली उठाना उचित नहीं है।
कम से कम 2 लाख किसान हजारों ट्रैक्टरों के साथ दिल्ली पहुंचे थे, क्या दिल्ली में एक भी दुकान लूटी गई, क्या पब्लिक की कोई कार टूटी, क्या किसी के घर का कोई एक भी फूल तोड़ा गया, क्या छेडख़ानीहुई, कोई एंबुलेन्स रोकी गई… ये किसान अन्नदाता हिंसक लोग तो नहीं थे, हां… सरकार से इनका पंगा जरूर चल रहा था।
दिल्ली में ट्रैक्टर मार्च में लाल किले के पास दीप सिद्धू जैसे लोगों द्वारा माहौल खराब करने का प्रयास किया… गैंगस्टर से नेता, पंजाबी फिल्मों के अभिनेता बने सिद्धू की फोटो वायरल हो रही है जिसमें भाजपा सांसद सन्नी देओल, धर्मेन्द्र-हेमा मालिनी सहित प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी भी नजर आ रहे हैं इसके क्या मायने निकाले जाएं…।
लालकिले के पास एक किसान यूनियन का झंडा तथा निशान साहब अंकित होने का मामला है तो जब सिक्ख रेजीमेण्ट दुश्मन की कोई चौकी जीतती थी तो वहां तिरंगे के साथ ही ‘निशान साहब’ भी फहराया जाता था।
अब भाजपा की बात करें तो अयोध्या में बाबरी मस्जिद को गिराया जाने का मामला तो उनके खाते में दर्ज है ही वही जब राजस्थान में भाजपा की सरकार थी तब जयपुर उच्च न्यायालय में तिरंगा उतारकर भगवा ध्वज किसने फहराया था? कठुआ में बलात्कारियों के पक्ष में तिरंगा यात्रा किसने निकाली थी…। उत्तरप्रदेश में अखलाख की हत्या (दादरी कांड) के आरोपी के शव को तिरंगे में लपेटकर किसने शव यात्रा निकाली थी…। भाजपा के समर्थक एक मुख्यालय में भगवा ही फहराया जाता है केवल अटलजी के प्रधानमंत्री बनने के बाद 15 अगस्त, 26 जनवरी को तिरंगा फहराना शुरू किया गया…।
खैर देश में 2 माह से अधिक समय तक किसान आंदोलनरत हैं और दिल्ली लाल किले की घटना के बाद 37 नेताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गया है, कुछ के खिलाफ राजद्रोह, हत्या का प्रयास का मामला बना है लुकआऊट नोटिस जारी किया गया है, कुछ के पासपोर्ट भी जब्त करने की कार्यवाही शुरू की गई है अभी तक खलिस्तानी नक्सली समर्थक, विदेशों से आर्थिक मदद का आरोप लगाने के बाद अब किसान नेता ‘राजद्रोही’ भी हो गये जबकि इनमें से कोई भी लालकिले के आसपास 26 जनवरी को गया ही नहीं था, अब तो दिल्ली के बार्डर में शांतिपूर्ण आंदोलनकारियों से जबरिया जगह खाली कराने की भी सरकार फिराक में है।

भूपेश का नया रूप….    

छत्तीसगढ़ के किसान मुख्यमंत्री, माटीपुत्र भूपेश बघेल छत्तीसगढिय़ा संस्कृति, त्यौहार, खेत, खलिहान, गौ सेवक की भूमिका के कारण चर्चित थे पर हाल ही छेरछेरा पुन्नी के दिन कांकेर में दान मांगने को लेकर फिर चर्चा में है। हालांकि इतिहास गवाह है कि छेरछेरा पुन्नी के दान से ही रायपुर शहर का गांधी चौक स्थित ऐतिहासिक कांग्रेस भवन बना था और देश के मशहूर स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, कांग्रेस के नेता वहां आ चुके हैं। बहरहाल हाल ही में मुख्यमंत्री बघेल को धान आदि से तौला भी गया, दान से एकत्रित राशि कोमलदेव अस्पताल में दान कर दी गई ताकि गरीबों के इलाज में उसका उपयोग हो सके।

राममंदिर का चंदा…।       

छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव अमिताभ जैन ने कोरोना का मुकाबला करके अपना कार्यभार सम्हाल लिया है। उन्होंने कार्यभार सम्हालते ही छग में बिलासपुर सहित कुछ जगह राममंदिर के नाम पर उगाही और धोखाधड़ी की शिकायत मिलने पर श्रीराम जन्म भूमि तीर्थक्षेत्र ट्रस्ट के मुख्य सचिव चंपतराय को को पत्र लिखकर राम मंदिर के नाम पर चंदा मांगने वाली संस्थाओं की अधिकृत सूची मांगी है। उन्होंने पत्र में कहा है कि अयोध्या में श्रीराम मंदिर निर्माण के लिए पूरे देश में समर्पण राशि एकत्रित की जा रही है। लेकिन इसकी आड़ में कई जगहों में उगाही तथा धोखाधड़ी की खबर भी आ रही है।
वैसे एक भव्य मंदिर बनाने में कितना पैसा लगेगा 10,20, 50 या 100 करोड़ रुपये? सूत्रों की माने तो राममंदिर के लिए 5 हजार करोड़ जुटाने का लक्ष्य रखा गया है? अभी तक राम मंदिर के लिए 41 करोड़ से अधिक का चंदा आ चुका है, मोरारी बापू की भागीदारी 11 करोड़ की है तो तिरूपति देवस्थान, महावीर मंदिर पटना, शिवसेना आदि ने आर्थिक सहयोग की बात की है, पहले भी 1989 में मंदिर आंदोलन के लिए 8.29 करोड़ चंदा एकत्रित हुआ था, निर्मोही अखाड़े के संत सीताराम ने तो 1400 करोड़ के चंदे का आरोप विश्व हिन्दु परिषद पर लगाया है। वैसे राम मंदिर के लिए स्व: स्फूर्त लोग चंदा दे रहे हैं पर देश के 10 करोड़ परिवार के दरवाजे खटखटाने के पीछे मंदिर निर्माण के लिए चंदा एकत्रित करना उद्देश्य है या कोई राजनीतिक एजेण्डा है?

आईजी की कमी…

छत्तीसगढ़ में आईजी से एडीजी, एसपी से डीआईजी पदोन्नति की सूची अभी लटकी है। वैसे भी छग में 2-3 माह से कुछ एसपी बदलने की चर्चा है पर नये की पदस्थापना तथा पुराने को हटाने के बीच राय नहीं बन पा रही है जबकि कुछ पुलिस कप्तान तो 2-3सालों से एक ही स्थान पर पदस्थ हैं। 2 एसपी का डीआईजी भी बनना लगभग तय है।
भिलाई रेंज में पदस्थ पुलिस महानिरीक्षक विवेकानंद भी जल्दी ही एडीजी पदोन्नत होने वाले हैं, अभी राजेश मिश्रा प्रतिनियुक्ति पर है पर उनके जल्दी ही छग लौटने की खबर है, इसके अलावा पवनदेव, अरूणदेव गौतम (गृह सचिव) जीपी सिंह, एसआरपी कल्लूरी, हिमांशु गुप्ता (प्रतिनियुक्ति में जाने प्रयासरत) प्रदीप गुप्ता शामिल हैं। इधर विवेकानंद के एडीजी बनने के बाद भिलाई रेंज में किसे आई बनाएंगे यह भी सोचना पड़ेगा क्योंकि दीपांशु काबरा को ट्रांसपोर्ट विभाग का प्रभारी बनाया गया है, रायपुर रेंज के आईजी डॉ. आनंद छाबड़ा रेंज के अलावा खुफिया प्रमुख का भी काम सम्हाल रहे हैं। कुछ रेंज अभी डीआईजी के भरोसे ही चल रहे हैं। कुल मिलाकर आईजी की कमी छग में है। वैसे बालोद-जशपुर के पुलिस कप्तान डीआईजी पदोन्नत होने वाले हैं वहीं रायगढ़, जगदलपुर, दंतेवाड़ा, जांजगीर, मुंगेली, नारायणपुर सहित 13 पुलिस कप्तानों को बदलने की भी चर्चा है पर काफी समय से सूची लंबित है, रोज सूची निकलने की चर्चा सुबह से शुरू होती है और रात तक नहीं निकलने की चर्चा होना शुरू हो जाती है।

और अब बस…

0 राजभवन में 26 जनवरी के सम्मान समारोह में छग सरकार के किसी भी मंत्री का शामिल नहीं होना चर्चा में रहा। मुख्यमंत्री का तो कार्यक्रम पहले सी निश्चित था।
0 छग के 2 प्रमुख शहरों के पुलिस कप्तान हटते-हटते किसी तरह मैनेज कर रहने में सफल हो गये हैं।
0 कमिश्नरी प्रणाली को क्या समाप्त किया जा सकता है…. पता चला है कि इस पर मंथन शुरू हो गया है।
0 भूपेश सरकार ने इस वर्ष रिकार्ड धान खरीदी कर ली है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *