कोरोना वायरस से बचाव के लिए लॉकडाउन, फिजिकल डिस्टेन्सिंग के साथ ही प्रत्येक नागरिक के COVID-19 की जांच भी अत्यंत आवश्यक है – प्रकाशपुंज पांडेय 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के राजनीतिक विश्लेषक और समाजसेवी प्रकाशपुंज पांडेय ने मीडिया के माध्यम से सरकार का ध्यानाकर्षण आज के अतिमहत्वपूर्ण विषय पर ले जाते हुए कहा है कि वर्तमान स्थिति में COVID-19 कोरोना वायरस के प्रकोप से बचाव के लिए ये बहुत ही महत्वपूर्ण है कि लॉकडाउन, फिजिकल डिस्टेन्सिंग के साथ ही प्रत्येक नागरिक का COVID-19 की जांच हो, क्योंकि नवंबर 2019 में जब चीन में कोरोना वायरस का पहला मरीज़ मिला तब उसके बाद मार्च तक हमारे देश की सीमाओं को बंद नहीं किया गया था। अब सरकार को यह बताना मुश्किल है कि वायुमार्ग, जलमार्ग और पथमार्ग के माध्यम से नवंबर 2019 के बाद कितने लोगों ने भारत में प्रवेश किया। जब यह जानकारी हमारे पास नहीं है तो ये कैसे पता चलेगा कि उनमें से कितने लोग कोरोना वायरस से ग्रस्त हैं? उस स्थिति में ये गणना असंभव है कि कितने लोग उन कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आए थे।

प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी असल में इसी ओर इशारा कर रहे हैं। कोरोना संक्रमित लोगों के संपर्क में आने वाले लोगों से इस संक्रमण को आगे न बढ़ने देना यही सरकार का मुख्य उद्देश्य है इसलिए नरेंद्र मोदी उस कोरोना वायरस के चेन के बारे में कहते हैं। यही चेन हमें तोड़ने के लिए ‘फिजिकल डिस्टेन्सिंग’ का पालन करने के लिए सरकार कह रही है जिसके लिए आज 21 के लॉकडाउन के बाद पुनः 19 दिन अर्थात 3 मई 2020 तक लॉकडाउन को बढ़ाने का फैसला लिया गया है।

अब यह बात समझना आवश्यक है कि जो लोग वर्तमान स्थिति में इस संक्रमण से ग्रस्त हैं उन्हें सरकार कैसे पहचाने? इसका एक मात्र उपाय प्रत्येक व्यक्ति की कोरोना वायरस की जांच कराना ही है। साथ ही उन लोगों की सुरक्षा का भी विशेष ध्यान रखना चाहिए जो इस भीषण महामारी के प्रकोप के बीच लोगों का इलाज और उनकी सहायता कर रहे हैं। चाहे वे डॉक्टर, नर्स, अस्पताल और चिकित्सा सम्बन्धित सेवारत लोग हों या फिर पुलिस कर्मी, समाजसेवी, कोरोना वॉरियर्स आदि।

अब समझिए कि देश में प्रत्येक राज्य में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या अलग अलग है। कहीं अधिक है तो कहीं कम है। कहीं अचानक कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या बढ़ जाती है तो कहीं स्थित नियंत्रण में दिखती है। इसका अर्थ यह है कि उन राज्यों में सरकारें अच्छा काम कर रही हैं। लेकिन इसका एक और अर्थ है कि हो सकता है कि जिन राज्यों में कोरोना वायरस के मरीज़ों की संख्या अधिक है वहाँ जांच अधिक मात्रा में हो रही हो और जहाँ कोरोना वायरस के मरीज़ों के आंकड़ों में कमी है, वहां जांच कम हो रही हो। इसीलिए यह अत्यंत महत्वपूर्ण है कि देश के प्रत्येक नागरिक का कोरोना वायरस के संक्रमण की जांच हो।

प्रकाशपुन्ज पाण्डेय ने कहा कि इस विपदा की घड़ी में देश के सभी नागरिकों को संयम से काम लेते हुए सरकारी निर्देशों का पालन करते हुए अपनी और दूसरे लोगों की सुरक्षा का भी ध्यान रखना चाहिए। वहीं सरकार को भी संवेदनशीलता दिखाते हुए इस विपदा से ग्रस्त लोगों की मजबूरी और आवश्यकता को पूरी तरह से समझकर यथाशीघ्र उसका निवारण करना चाहिए।

 

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