रायपुर। आज सर्किट हाउस में स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव स्वास्थ्य सचिव श्रीमती निहारिका बारिक सिंह के साथ स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों की उपस्थिति में इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों डॉक्टर महेश सिन्हा, डॉक्टर ललित शाह ,डॉ राकेश गुप्ता ,डॉ अनिल जैन और डॉ आशा जैन ने स्वास्थ्य मंत्री से छत्तीसगढ़ में प्राइवेट क्लीनिक और अस्पतालों को सुचारू संचालन की क़ोरोना संक्रमण की गाइड लाइन के पालन करते हुए व्यवहारिक कठिनाइयों की ओर ध्यान आकर्षित कराया ।
स्टाफ की कमी और मरीजों की जांच के समय जरूरी सुरक्षात्मक उपकरण जैसे मास्क और पर्सनल प्रोटेक्शन किट की सहज उपलब्धता नहीं होने पर भी ध्यान आकर्षित कराया. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने माननीय स्वास्थ्य मंत्री को अवगत कराया कि जरूरतमंद मरीजों को टेलीफोन और व्हाट्सएप के माध्यम से परामर्श प्राथमिकता के तौर पर पूरे छत्तीसगढ़ के डॉक्टरों द्वारा दिया जा रहा है और अपने फोन पर सहज उपलब्धता का सिलसिलेवार ब्यौरा देते हुए बताया कि जरूरतमंद मरीजों को क्लीनिक और अस्पताल में स्थान की सुविधा की उपलब्धता के आधार पर शारीरिक दूरी बनाए रखते हुए सभी प्रकार के सेवाएं उपलब्धता के आधार पर केंद्रीय सरकार के दिशा निर्देशों के अनुसार दी जा रही हैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन की ओर से स्वास्थ्य मंत्री जी को आश्वासन दिया गया है कि मरीजों की तकलीफों के आधार पर सभी प्रकार की आवश्यक जांच और परीक्षण की उपलब्धता पूरे प्रदेश में सुनिश्चित की जाएगी और डॉक्टर्स की टेलीफोन और दूसरे संपर्कों से उपलब्धता आने वाले दिनों में सुनिश्चित करने के लिए पूरे प्रयत्न किए जाएंगे. कुछ जिलों में प्रशासन की ओर से क्लीनिक और अस्पताल के पहले की तरह पूर्ण रूप में संचालन हेतु अतार्किक दबाव की सूचना स्वास्थ्य मंत्री को दी गई है।
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के सदस्यों को स्वास्थ्य मंत्री द्वारा कुछ जनप्रतिनिधियों और अस्पतालों के संबंध में मिली शिकायतों के बारे में जानकारी दी गई और आईएमए की तरफ से स्वास्थ्य मंत्री जी को आश्वासन दिया गया है कि इस प्रकार की गंभीर शिकायतें भविष्य में उन तक ना पहुंचे और त्वरित सेवा सुनिश्चित की जाए इसका वह ध्यान रखेंगे . साथ ही यह भी कहा गया कि शासन और आई एम ए के बीच निरंतर संवाद की स्थिति बनी रहनी चाहिए. सचिव स्वास्थ्य ने इस पर अपनी सहमति जताई।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय भारत सरकार की गाइडलाइन का पालन सुनिश्चित करने के लिए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने स्वास्थ्य मंत्री और स्वास्थ सचिव को आग्रह करते हुए कहा है कि ओपीडी में बहुत भीड़ बढ़ने की स्थिति में कोरोना संक्रमण की आशंका बढ़ जाएगी इससे भारत देश में सबसे ज्यादा डॉक्टर से चिकित्सा कर्मी संक्रमित हुए हैं । और केवल अस्पताल ही सुपर स्प्रेडर बन जाने की आशंका है इसलिए केवल जरूरतमंद मरीजों को ही आने देने की सुविधा भी तर्कसंगत रूप में बढ़ाए जाने की जरूरत है। हमने पूरी तरह से क्लीनिक खोलने से सोशल डिसटेंसिग टूटने और भीड़ इकट्ठा होने का ख़तरा है. जिसे मंत्री जी ने भी स्वीकार करते हुए आई एम ए को सुरक्षापू़ण़ व्यवस्था विकसित करने के लिये कहा.
*शासन ने CGMSC के द्वारा PPE उपलब्ध कराने में असमर्थता ज़ाहिर की.*
आईएमए ने आग्रह किया कि केंद्र सरकार द्वारा 50 लाख की बीमा राशि कोरोना संक्रमित चिकित्सा कर्मियों और डॉक्टरों द्वारा घोषणा की गई है इसे छत्तीसगढ़ में राज्य सरकार बढ़ाकर एक करोड़ रुपए करें ताकि चिकित्सा कर्मी और डॉक्टर अपने परिवार की सुरक्षा के प्रति निश्चिंत होकर कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में बिना भयभीत हुए आगे भी काम करते रहें
मरीज़ों से भी अनुरोध है कि इस महामारी की स्थिति में फ़ोन से बात करने के बाद ही समय लेकर क्लीनिक में आयें.