नई दिल्ली : गृह मंत्री अमित शाह और कुछ किसान नेताओं के बीच मंगलवार की रात हुई बैठक विफल रहने के बाद सरकार और किसान यूनियनों के बीच आज होने वाली बैठक अब नहीं होगी। सरकार ने किसानों को कृषि कानून में संशोधन का लिखित प्रस्ताव भेजा है। जिस पर किसान नेता सिंघु बॉर्डर पर बैठक की। किसानों ने सरकार के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है और कृषि कानूनों की वापसी की मांग की है। किसान नेता प्रेस कॉन्फ्रेंस कर विस्तार से जानकारी दी।
विपक्ष के नेताओं के एक प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति भवन में राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की और एक ज्ञापन प्रस्तुत किया। pic.twitter.com/IXAB24w0xN
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 9, 2020
बातचीत का माहौल तब बन पाएगा जब सरकार तीनों कानून रोक देती है: दलजीत सिंह चीमा
बड़ी निराशाजनक बात है कि इतने दिनों के बाद भी ये मसला हल नहीं हो पाया। बातचीत का माहौल तब बन पाएगा जब भारत सरकार तीनों कानून रोक देती है। उसी वक्त शांति हो जाएगी। फिर जब सार्थक माहौल होगा तब सरकार आराम से बैठकें कर बातचीत कर सकती है: SAD नेता दलजीत सिंह चीमा
हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और ज्ञापन प्रस्तुत किया: सीताराम येचुरी
हमने राष्ट्रपति से मुलाकात की और ज्ञापन प्रस्तुत किया। उसमें हमने कृषि कानूनों और बिजली संशोधन बिल को वापिस लेने की मांग की क्योंकि ये बहुत ही गैर-लोकतांत्रिक और बिना विचार-विमर्श के पारित कर दिए गए थे: सीताराम येचुरी, सीपीआई-एम
गाजीपुर बॉडर पर खुर्जा से आए दो बुजुर्ग किसान भूख हड़ताल पर बैठे
दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर खुर्जा से आए दो बुजुर्ग किसान सुदेश कुमार के साथ भूदेव शर्म भूख हड़ताल पर बैठ गए हैं। एक किसान ने जल भी त्याग दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार नहीं मानी तो दे देंगे जान। दोनों मुंह पर पट्टी बांधकर भूख हड़ताल कर रहे हैं।