1 नवंबर से पंचायत शिक्षक प्रथा का अंत*
राजनांदगांव । :-छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना के 20 वीं वर्षगांठ के अवसर पर 1 नवंबर को जिले के 833 शिक्षाकर्मियों का शिक्षा विभाग के पदों पर संविलियन उपरांत 25 वर्षों से चली आ रही प्रथा का अंत हो जाएगा,जिले में व्याख्याता के 544 ,शिक्षक के 24, सहायक शिक्षक के पद पर 265 शिक्षकों का विभाग में संविलियन होगा, छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ शासन स्कूल शिक्षा विभाग मंत्रालय नया रायपुर द्वारा 23 जुलाई 2020 को जारी आदेश में 2 वर्ष या अधिक की सेवा अवधि पूर्ण करने वाले पंचायत व नगरी निकाय संवर्ग के शिक्षकों का संविलियन 1 नवंबर से स्कूल शिक्षा विभाग में किया जाना है इस आदेश शासन के इस आदेश के अनुसार राजनांदगांव जिले के शिक्षा विभाग व आ.जा.विभाग के 833 शिक्षको का स्कूल शिक्षा विभाग में संविलियन का लाभ मिलेगा तथा 1 नवंबर के बाद जिले 6 शिक्षको का संविलियन विभिन्न कारणों से,सेवा में व्यवधान या 2 वर्ष की सेवा अवधि पूर्ण नहीं हो पाने के कारण है 1 नवंबर को नही हो पायेगा, वर्तमान प्रदेश सरकार न अपने जन घोषणा पत्र 2018 में उल्लेखित 2 वर्ष संविलियन करने का एक महत्वपूर्ण वादा पूर्ण करने के साथ ही शिक्षा कर्मी प्रथा का लगभग हो गया है,
*25 वर्षों के संघर्ष का सुखद परिणाम*- प्रांत अध्यक्ष संजय शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष व संभाग प्रभारी विनोद गुप्ता जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा शैलेंद्र यदु बाबूलाल लाडे जिला सचिव जीवन वर्मा जिला कोषाध्यक्ष हंस कुमार मेश्राम जिला उपाध्यक्ष बृजेश वर्मा,रूपेंद्र नंदे,चंद्रिका यादव, चुनलेश साहू,महेश उइके,देवेंद्र साहू,मनोज वर्मा,पंचशीला सहारे, राजकुमारी जैन,राकेश तिवारी, कमलेश देवांगन,दानेश्वर लिल्हारे, किशन देशमुख ब्लॉक अध्यक्ष गण श्रीहरी,संजय राजपूत,दिनेश कुरैटी,अनिल शर्मा,अनुराग सिंह, निर्मला कसारे,जितेंद्र पटेल, गिरीश हिरवानी,मनीष पसीने ने संविलियन के लिए सीईओ जिला पं.व जिला शिक्षा अधि.राजनांदगांव को आभार ब्यक्त किया है साथ ही कहा है कि सुखद परिणाम के पीछे शिक्षाकर्मियों की लंबी संघर्ष का परिणाम बताया है विगत 25 वर्षों में अविभाजित मध्यप्रदेश से लेकर वर्तमान छत्तीसगढ़ राज्य तक शिक्षा कर्मियों ने संविलियन के लिए कई बड़ी आंदोलनों के माध्यम से अपनी बातें लगातार शासन प्रशासन के समझ करते रहे,इस दौरान शिक्षाकर्मियों ने समय-समय पर ब्लॉक जिला व प्रदेश स्तर पर लंबी लड़ाई लड़ी संघर्ष के इस गाथा में दौरान कई उतार-चढ़ाव देखने को मिले इस दौरान शिक्षाकर्मी संघ के पदाधिकारियों को कई बार यातनाएं भी सहनी पड़ी ,जेल भी जानी पड़ी व पुलिस प्रशासन के लाठियों का भी शिकार होना पड़ा साथ ही शासन प्रशासन की कार्यवाही निलंबन व बर्खास्तगी से भी गुजरना पड़ा, यह शिक्षाकर्मियों के लिए एक बुरा दौर था परंतु एकता मे़ शक्ति होती है लंबी लड़ाई के पश्चात आखिर छत्तीसगढ़ के तत्कालीन शासन सरकार ने 1 जुलाई 2018 को लगभग प्रथम चरण में लगभग70 हजार शिक्षक पंचायत संवर्गो का संविलियन शिक्षा विभाग में मूल पदों पर किया।
*जिला संघ के पदाधिकारियों ने कहा है* कि जिस तरह छत्तीसगढ़ सरकार ने
घोषणापत्र के अनुरूप 2 वर्ष पूर्ण करने वाले शिक्षक पंचायत सवर्गो को शिक्षा विभाग में संविलियन किया है उसी प्रकार शिक्षकों के हित से जुड़े हुए कई मुद्दे जन घोषणा पत्र में वचन के रूप में उल्लेखित किए हैं उसमें पुरानी पेंशन बहाल, पदोन्नति क्रमोन्नति समयमान,पदोन्नती की बात कही है उसे भी अविलंब पूरा करने का संघ ने मांग किया है।
*छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में काला अध्याय समाप्त हुआ*
वर्ष 1994-95 से अविभाजित मध्यप्रदेश में शिक्षा के क्षेत्र में शिक्षाकर्मी व्यवस्था के रूप में जो काला अध्याय प्रारंभ हुआ था, वह आज 1 नवंबर 2020 से *छत्तीसगढ़ में समाप्त हो गया,
इसके लिए प्रदेश के शिक्षकों को एक लंबा संघर्ष करना पड़ा, प्रदेश के अंतिम शिक्षक ने संविलियन प्राप्त करने के लिए अपना सर्वस्व समर्पित किया, सभी का योगदान अमूल्य रहा, 1994-95 से संविलियन के लिए बड़े-बड़े ऐतिहासिक आंदोलन किए गए, इसमें हमारे कई शिक्षक साथी शहीद हुए, कर्मचारियों के ऊपर एस्मा लगाने, जेल भेजने , बर्खास्तगी, निलंबन जैसी कड़ी कार्रवाई की गई.. इसके बाद भी सभी शिक्षक एक जुट रहे..
अंततः 1 नवंबर 2020 को इस काले अध्याय का *सुखद समापन* हो गया और यह हम सभी के लिए *एक संतोष का विषय* है।
*कुछ समस्याएं अभी भी शेष* हैं, उसके लिए नए ढंग से नई ऊर्जा के साथ पुनः प्रयास प्रारंभ होगा
छत्तीसगढ़ टीचर्स एसोसिएशन संघ राजनांदगांव के प्रवक्ता देवेंद्र साहू ने कहा कि *प्रदेश के मुख्यमंत्री कैबिनेट के सभी सदस्य, सभी विधायक पूर्ववर्ती डॉ रमन सिंह की सरकार, समस्त अधिकारीगण, पुलिस प्रशासन, मीडिया के हमारे साथी, विभिन्न कर्मचारी संगठन और समाज* जिनके सहयोग के बिना यह संभव नही था , उन सभी का आभार व्यक्त करता है। साथ ही हमें आशा एवं पूर्ण विश्वास भी है कि आगे भी हमें इसी तरह से सहयोग एवं मार्गदर्शन प्राप्त होता रहेगा।
*अभी लड़ाई अधूरी*:-प्रान्ताध्यक्ष संजय शर्मा प्रदेश उपाध्यक्ष विनोद गुप्ता जिला अध्यक्ष गोपी वर्मा ने बताया कि संघर्ष अभी खत्म नहीं हुई है शिक्षक की पुरानी सेवा अवधि की गणना प्रथम नियुक्ति तिथि से करते हुए समय मान, क्रमोन्नति पदोन्नति व पुरानी पेंशन प्राप्ति तक संघर्ष जारी रहेगा,,,