44वां दिनः किसानों के शक्ति प्रदर्शन के बाद क्या आज सरकार संग बैठक में बनेगी बात?

नई दिल्ली : कृषि कानूनों के विरोध में सरकार तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए दिल्ली की सीमाओं पर कड़ाके की ठंड में प्रदर्शन कर रहे देश के किसानों का आंदोलन आज 44वें में दिन में प्रवेश कर चुका है। एक ओर जहां कल किसानों ने ट्रैक्टर मार्च निकालकर सरकार को अपनी शक्ति का अहसास कराया वहीं आज वह सरकार के साथ आठवें दौर की बैठक कर एक बार फिर अपनी मांगों को किसानों के सामने रखेंगे। किसान नेताओं संग बैठक से पहले कृषि मंत्री तोमर ने साफ कर दिया है कि कानून वापसी के मुद्दे को छोड़कर सरकार हर मुद्दे पर बातचीत को तैयार है। ऐसे में आज होने वाली बैठक का परिणाम काफी अहम हो जाता है। इस बीच बाबा लक्खा सिंह ने किसानों और सरकार के बीच मध्यस्थता की पेशकश करते हुए कहा है कि नया प्रस्ताव लाएंगे।

हम पीछे नहीं हटेंगेः किसान
कृषि कानूनों के खिलाफ गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। एक प्रदर्शनकारी ने बताया, ‘आज की बैठक में हम उम्मीद करते हैं कि आज शायद फैसला आ जाए, लेकिन अगर फैसला नहीं आया तो जब तक सरकार हमारी मांगे नहीं मानेगी तब तक हमारा आंदोलन बढ़ता रहेगा, हम पीछे नहीं हटेंगे।’

पहले किसान नेताओं ने कहा था कि हम इसमें सुधार चाहते हैं, सरकार इसके लिए तैयार हैः केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा कि, पहले की वार्ता में किसान यूनियन के नेताओं का विषय था कि हम इसमें सुधार चाहते हैं। सरकार सुधार के लिए तैयार है। मुझे विश्वास है कि आज की वार्ता में वे इस बात को समझेंगे। किसान यूनियन के नेता सोचकर आएंगे कि समाधान करना है तो समाधान अवश्य होगा।

कल के एतिहासिक ट्रैक्टर मार्च का असर आज की बैठक में दिखेगाः किसान नेता
आठवें दौर की बैठक से पहले किसान नेताओं का कहना है कि कल के एतिहासिक ट्रैक्टर मार्च का असर आज की बैठक में देखने को मिलेगा। उनका कहना है कि अगर आज की बैठक का कोई हल नहीं निकला तो हम अपनी बस में बैठेंगे और वापस आ जाएंगे और आगे के आंदोलन में और तेजी लाएंगे।

 

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