वाशिंगटन : अमेरिका के निवर्तमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के हजारों समर्थक अमेरिकी कैपिटल में घुस गए और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई। इन घटनाओं में एक महिला समेत चार लोगों की मौत हो गई और कई घायल हैं। साथ ही नए राष्ट्रपति के रूप में जो बाइडन के नाम पर मुहर लगाने की संवैधानिक प्रक्रिया बाधित हुई। बुधवार को कांग्रेस के सदस्य इलेक्टोरल कॉलेज वोटों की गिनती कर रहे थे, इसी दौरान बड़ी संख्या में ट्रंप के समर्थक सुरक्षा व्यवस्था को ध्वस्त करते हुए कैपिटल बिल्डिंग में घुस गए। पुलिस को इन प्रदर्शनकारियों को काबू करने में काफी मश्क्कत करनी पड़ी। इन हालातों में प्रतिनिधि सभा और सीनेट तथा पूरे कैपिटल को बंद कर दिया गया। उपराष्ट्रपति माइक पेंस और सांसदों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। बिगड़ते हालात के बीच राष्ट्रीय राजधानी में कर्फ्यू लगा दिया गया। लेकिन बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए सड़कों पर उतर आए।
एफबीआई जानकारियों को इकट्ठा कर रही…
बीबीसी न्यूज रिपोर्ट के अनुसार, एफबीआई ने कहा, ‘उन जानकारियों को प्राप्त किया जा रहा है जिससे उन लोगों की पहचान करने में सहायता मिलेगी जो वाशिंगटन डीसी में सक्रिय रूप से हिंसा भड़का रहे हैं।’
नेवादा के इलेक्टोरल वोटों को दी गई चुनौती
नेवादा के इलेक्टोरल वोटों को रिपब्लिकन प्रतिनिधियों द्वारा चुनौती दी गई थी, लेकिन किसी भी सीनेटर ने आपत्ति पर हस्ताक्षर नहीं किए। इसलिए इन वोटों को स्वीकार किया जाता है।
अमेरिकी कांग्रेस का शर्मनाक दृश्य
ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने कैपिटल परिसर में हुई हिंसा को लेकर ट्वीट कर कहा, ‘अमेरिकी कांग्रेस का शर्मनाक दृश्य। संयुक्त राज्य अमेरिका दुनिया भर में लोकतंत्र के लिए खड़ा रहता है और अब यह महत्वपूर्ण है कि सत्ता का शांतिपूर्ण और व्यवस्थित हस्तांतरण होना चाहिए।’
एफबीआई ने संदिग्ध विस्फोटकों को किया निष्क्रिय
एफबीआई ने कहा कि उसने दो संदिग्ध विस्फोटक उपकरणों को निष्क्रिय कर दिया है और अधिकारियों ने हमले के लगभग 4 घंटे बाद कैपिटल को ‘सुरक्षित’ घोषित कर दिया है।