71 दिनों में 133 जनसभाएं, कठोर परिश्रम का पर्याय बने मुख्यमंत्री साय

मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में भी झोंकी ताकत

रायपुर। 16 मार्च को लगी आचार संहिता के बाद छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूरे लोकसभा चुनाव के दौरान 71 दिनों में 133 सभाओं को संबोधित किया है। इस दौरान वे ओडिशा, मध्यप्रदेश, झारखंड में भी चुनाव प्रचार अभियान में शामिल हुए और कुल 33 जनसभा एवं रोड शो को संबोधित किया।

20 मार्च 2024 को दंतेवाड़ा में माँ दंतेश्वरी के दर्शन-पूजन के बाद श्री साय ने अपने चुनावी अभियान का शुभारम्भ किया। गत 20 मार्च से 29 मई तक छत्तीसगढ़ में चौंसठ जनसभाएं मुख्यमंत्री ने ली हैं। जबकि छत्तीसगढ़ के बाहर मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में तैंतीस आमसभाएं और रोड शो की कमान संभाली है। भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के सम्मेलन की दृष्टि से भी अगर देखें तो उन्होंने बस्तर में दो सहित सभी ग्यारह लोकसभा सीटों में एक-एक कार्यकर्ता सम्मेलन कर कुल बारह कार्यकर्ता सम्मेलन में अपनी उपस्थिति दी है। सामाजिक सम्मेलनों की यदि बात करें तो लगभग चौबीस बड़े सामाजिक सम्मेलनों को विष्णु देव साय संबोधित कर चुके हैं। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के लगभग हर विधानसभा में कम से कम एक जनसभा ली है। कुल मिलाकर 71 दिनों में 133 बार उन्होंने जनता के समक्ष अपनी बात रखी है और छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव में अपनी पूरी ताकत झोंकी है। आत्मविश्वास से भरपूर मुख्यमंत्री सभी ग्यारह लोकसभा सीटें जीतने के प्रति आश्वस्त लगते हैं। श्री साय ने मध्यप्रदेश, ओडिशा और झारखंड में भी भाजपा के बम्पर जीत की बात कही है।     

मुख्यमंत्री की सभी जनसभाओं में आमजन की स्व-स्फूर्त भीड़ उमड़ी। लोगों ने सीएम साय के भाषण को बड़े ही उत्साह से सुना और ताली बजाकर, नारे लगाकर अपना पूर्ण समर्थन भी दिया। श्री साय की प्रत्येक सभा में महिलाओं की भी भारी भीड़ देखने को मिली। महिलाओं ने सीएम साय की बात को ध्यान से सुना। इसका प्रमुख कारण विष्णु सरकार द्वारा महतारी वंदन योजना को प्राथमिकता से लागू करने को माना जा रहा है। इस योजना के अंतर्गत अब तक प्रदेश की 70 लाख 12 हजार 417 महिलाओं को प्रति महीने 655 करोड़ 57 लाख रूपये के हिसाब से तीन महीने की किश्त जारी हो चुकी है।

सीएम साय ने कार्यकर्ता सम्मेलन और जनसभाओं में पिछली कांग्रेस सरकार में हुए भ्रष्टाचार, घोटाले व उनकी नाकामी को लगातार जन-जन के बीच उजागर किया। जिस पर आमजन की खूब तालियां बजी। बीच-बीच में उन्होंने जनता से कनेक्ट करने के लिए उनसे सवाल भी किये। उन्होंने बार-बार पूछा कि मोदी जी की सरकार तीसरी बार बनानी है या नही, जिसका जवाब हाँ में मिलता था। श्री साय ने जनता को बताया कि कैसे भूपेश बघेल की अगुवाई में कांग्रेस ने शराब, रेत, कोयला, सरकारी जमीन, पीएससी सबमें घोटाला किया और यहाँ के संसाधनों को लूटा। उन्होंने भूपेश बघेल पर महादेव एप को निर्बाध रूप से चलाने के लिए 508 करोड़ रूपये प्रोटेक्शन मनी लेने के आरोप और उस पर हुई एफआईआर को जनता को बताया, इसे छत्तीसगढ़ के लिए शर्म की बात कही। मुख्यमंत्री ने कांग्रेस द्वारा किये गए 36 वादों में एक भी वादे को ठीक से पूरा नहीं करने की बात को लगातार जनता को बताया। उनके भाषणों में यह प्रमुखता से शामिल रहा।

सीएम साय ने अपनी हर जनसभा में मोदी की गारंटी के अंतर्गत पूरे किये गए प्रमुख वादों को जनता को बताया। उन्होंने बताया कि भाजपा सरकार बनने के मात्र 100 दिनों के अंदर ही उनकी सरकार ने मोदी की गारण्टी के अंतर्गत प्रमुख वादों को प्राथमिकता से पूरा किया है। श्री साय ने कांग्रेस नेताओं द्वारा पीएम मोदी और अन्य भाजपा नेताओं पर बोले गए अनर्गल बयानों को जनता को बताया और विपक्षी नेताओं को जमकर घेरा।

कुल मिलाकर देखा जाए तो सरल, सहज, सौम्य समझे जाने वाले मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने अपनी चुनावी सभाओं में जिस तरह कमान संभाली और कई मौकों पर आक्रामक हो कर कांग्रेस को बैकफुट पर धकेला, उससे कांग्रेसी कुनबा सदमे में है। जहाँ तक श्री साय का सवाल है तो चुनावी जूनून में उन्होंने धुर नक्सल प्रभावित क्षेत्र में पानी-बरसात की वजह से हेलीकॉप्टर छोड़ सड़क मार्ग से ही सफर करने से भी कोई गुरेज नहीं किया। घटना नारायणपुर के बेनूर क्षेत्र की है। यह पहला मौका था जब किसी सीएम ने यहाँ सड़क मार्ग से सफर किया।

विष्णु देव साय अपने आत्मविश्वास भरे तूफानी दौरों की बदौलत सभी ग्यारह लोकसभा सीट जीतने के प्रति आश्वस्त लगते हैं। वे कहते हैं कि इस बार छत्तीसगढ़ से कांग्रेस का सूपड़ा साफ़ होना तय है।

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