नई दिल्ली: किसान आंदोलन को लेकर 100 दिन पूरे हो गए। लेकिन अबतक कोई बड़ा फैसला नहीं हो पाया। केंद्र सरकार भले ही बातचीत के रास्ते खुले होने की बात करती है, लेकिन सबकुछ बेनतीजा है। किसान है कि तीनों कृषि कानून को खत्म करने की मांग पर अभी अड़े हैं। लेकिन जिस तरह से केंद्र सरकार का रवैया है उससे फिलहाल कोई हल निकल जाए ये नहीं दिखता। इस पूरे आंदोलन से एक बात तो साफ हो रही है कि केंद्र सरकार भी ये देखने की कोशिश में है कि इस आंदोलन का आने वाले चुनावों पर क्या असर पड़ता है… अगर पड़ा तो किसानों को मनाने की कोशिश तेज हो जाए। नहीं पड़ा तो फिर ये मानकर चलिए कि 100 दिन पूरे करने वाला आंदोलन हजार दिन भी पूरे कर ले तो अपनी मांग नहीं मनवा पाएगा। किसानों की ताकत का अंदाजा भी लगाया जा रहा है और यही वजह है कि उन्हें बिखेर देने का बाद राजनीतिक तौर पर क्या असर रहेगा ये समझने की कोशिश भी है।